बता दें कि जमीन आवंटन को लेकर 2 दिन पहले मावली में सर्व समाज ने धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतरे थे। सर्व समाज ने जिला कलेक्टर से मांग की थी कि मदरसे को आवंटित हुई जमीन को निरस्त किया जाए।
जमीन के आवंटन को रद्द करने का आदेश
एसडीएम ने मदरसे के लिए आवंटित जमीन की तहसीलदार, थानाधिकारी मावली व मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी से जांच करवाई थी। इसके बाद उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल को पत्र भेजकर आवंटित जमीन निरस्त करवाने की अनुशंसा की। रिपोर्ट जब राजस्थान सरकार को भेजी गई तो सरकार ने आवंटन को निरस्त कर दिया।
श्मशान से सटी है आवंटित जमीन
मदरसा के लिए यह जमीन पिछली कांग्रेस सरकार में वर्ष 2021 में आवंटित हुई थी। आवंटित जमीन गांव
मावली के गायत्रीनगर में है। आवंटित जमीन के सामने श्मशान है। आवंटित जमीन दो भागों में विभाजित है। इसके बीच से हाइटेंशन लाइन भी निकल रही है। इससे भविष्य में जनहानि का अंदेशा है।