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इमरजेंसी में उपचार के बाद ही वार्ड में शिफ्ट होंगे मरीज, एमबी में लागू होगी नई व्यवस्था

locationउदयपुरPublished: Jun 21, 2019 07:06:47 pm

Submitted by:

Bhagwati Teli

एमबी हॉस्पिटल udaipur mb hospital की इमरजेंसी में अब हृदयघात या अन्य किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को सीधा वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जाएगा। राउंड द क्लॉक सीनियर रेजिडेंट उन्हें इमरजेंसी वार्ड emergency ward में भर्ती करते हुए उनका प्राथमिक उपचार कर उन्हें स्थिर करने के बाद ही वार्ड में भेजेंगे। कार्डियोलिस्ट सहित किसी भी अन्य विभाग के चिकित्सक की जरुरत होने पर वे उन्हें वहां बुला भी सकेंगे। इसके अलावा अब तक कार्डियोलॉजी में पांच दिन चलने वाली ओपीडी अब सातों दिन चलेगी।
गंभीर व हृदयघात के मरीजों का भी एक बार इमरजेंसी में होगा प्राथमिक उपचार
इमरजेंसी में उपचार के बाद ही वार्ड में शिफ्ट होंगे मरीज, एमबी में लागू होगी नई व्यवस्थाइसके बाद वार्ड में होगी शिफ्टिंगसीनियर रेजिडेंट राउंड द क्लॉक देंगे ड्यूटी कार्डियालॉजी के लिए भी लागू की नई व्यवस्थाएं

उदयपुर. एमबी हॉस्पिटल MB hospital udaipur की इमरजेंसी में अब हृदयघात या अन्य किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को सीधा वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जाएगा। राउंड द क्लॉक सीनियर रेजिडेंट उन्हें इमरजेंसी वार्ड emergency ward में भर्ती करते हुए उनका प्राथमिक उपचार कर उन्हें स्थिर करने के बाद ही वार्ड में भेजेंगे। कार्डियोलिस्ट सहित किसी भी अन्य विभाग के चिकित्सक की जरुरत होने पर वे उन्हें वहां बुला भी सकेंगे। इसके अलावा अब तक कार्डियोलॉजी में पांच दिन चलने वाली ओपीडी अब सातों दिन चलेगी।
Maharana Bhupal hospital अधीक्षक लाखन पोसवाल ने बताया कि इमरजेंसी में अब तक आने वाले मरीजों को रेजिडेंट प्राथमिक उपचार कर सीधे वार्ड में शिफ्ट कर देते थे। इनमें हृदयघात के मरीजों को सर्वाधिक परेशानी होती थी। वार्ड में शिफ्ंिटग तक मरीज patients व तिमारदारों की खूब भाग-दौड़ी हो जाती थी। इसके अलावा अन्य वार्डो में गंभीर मरीज सीधे वार्ड में पहुंच जाते थे जिससे वार्ड में पहले ही भर्ती मरीजों की देखरेख में लगे रेजिडेंट व स्टॉफ की खासी मशक्कत हो जाती थी। वे गंभीर मरीज को देखने के फेर में भर्ती मरीजों को पूरा समय नहीं दे पा रहे थे। इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब इमरजेंसी में पहले भर्ती की व्यवस्था की गई है।
पहले इमरजेंसी में
अधीक्षक ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले हर बीमारी से ग्रसित मरीज का चिकित्सक व स्टॉफ वहीं पर उपचार कर उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करेगा। उन मरीजों की जांच व अन्य भी वहीं करवाएंगे। राउंड द क्लॉक सीनियर रेजिेडेंट उन्हें देखते हुए प्राथमिक उपचार देगे। गंभीर अवस्था से बाहर निकलने के बाद ही चिकित्सक उन्हें संबंधित वार्ड में शिफ्ट करेंगे। इमरजेंसी में इस तरह की व्यवस्था होने पर सीनियर रेजिडेंट व स्टॉफ भी बढ़ाया गया है।
अब 7 दिन की ओपीडी
अब तक कॉर्डियोलॉजी विभाग में पांच दिन चलने वाली ओपीडी अब सातों दिन चलेगी। अधीक्षक ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर चिकित्सकों की तैनातगी की है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन वहां पर दो सौ से ढाई सौ मरीजों की ओपीडी है और कई लोग बाहर से यहां आते है।

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