गुप्ता ने बताया कि महिला को जब थाने में महिला कांस्टेबल ने पूछा तो कभी जयपुर तो कभी अन्य जगह का नाम बताकर डर रही थी। उसे काफी समझाइश के बाद पुलिस जाप्ते के साथ अल्पावास गृह भिजवाया है। विमंदित होने से सीडब्ल्यूसी सदस्य ने उसकी विशेष देखकर करने को कहा।
विमंदित को रखने में आड़े आए नियम
सीआई हेरम्ब जोशी व सीडब्ल्यूसी सदस्य गुप्ता ने बच्चे व उसकी मां को सुरक्षित आश्रय दिलवाने के लिए पहले नारी निकेतन फोन किया। अधीक्षक ने बच्चे को शिशुगृह में रखवाने की इजाजत दे दी लेकिन विमंदित होने से नियमानुसार महिला को वहां रखने से इनकार कर दिया। मल्लातलाई आशाधाम आश्रम फोन किया गया तो वहां पहले से ही ज्यादा लोग होने से मना कर दिया गया। अल्पावास के नोडल समन्वयक नवनीत औदिच्य को कहा तो उन्होंने भी नियमों को हवाला देते हुए रखने से इनकार किया लेकिन बाद में गुप्ता ने एक दिन के लिए अल्पावास को ही अस्थाई आश्रय का आदेश किया।
मासूम को अलग करते ही वह चीख पड़ी
थाने में एक बाद समिति के सदस्य व पुलिस ने मासूम को राजकीय शिशुगृह में रखने का मानस बनाते हुए महिला से बच्चा लेने का प्रयास किया तो वह चीख पड़ी। पलभर के लिए भी वह बच्चे को अपने से अलग करने का तैयार नहीं हुई। पुलिस ने दोनों को साथ रखवाया।