पिछोला झील में क्रूज का पर्यावरण एक्सपर्ट ने किया विरोध
मोहम्मद इलियास/उदयपुर मेवाड़ के पूर्व राजघराने की सम्पत्ति के न्यायालय द्वारा बंटवारे के बाद अब वादी ने अधिवक्ता कमीश्नर नियुक्ति के आवेदन की तैयारी की है। कमीश्नर सम्पत्तियों का पूरा निरीक्षण करने के बाद कोर्ट में सूची पेश करेगा। इसके बाद इसकी फाइनल डिक्री हो पाएगी। इधर, विवादित सम्पत्ति के बंटवारे के बाद यह वाद पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया।एडीजे-2 न्यायालय के पीठासीन महेन्द्र कुमार दवे ने मंगलवार को पूर्व राजघराने की सम्पत्ति के विवाद का निपटारा करते हुए चार हिस्सों में बांटी थी। वादी के वाद को स्वीकार कर कोर्ट ने एक हिस्सा दिवगंत महाराणा भगवतङ्क्षसह को भी दिया। उनके अलावा उनके पुत्र व वादी महेन्द्रङ्क्षसह मेवाड़, अरविंद सिंह तथा बहन योगेश्वरी कुमारी में से प्रत्येक को एक चौथाई हिस्सा देने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद दूसरे दिन वादी के अधिवक्ता नरेन्द्रसिंह कच्छावा ने न्यायालय के निर्णय का 575 पेज का फैसला निकलवाया। कच्छावा का कहना है कि वे अब कोर्ट में आवेदन कर कमीश्नर नियुक्ति की मांग करेंगे। — न्यास की सम्पत्तियों का भी निकाल रहे विवरण अधिवक्ता द्वारा वादी की ओर से कोर्ट में पेश की गई सम्पत्तियों के ब्योरे के अलावा न्यास में अंतरित सम्पत्तियों का ब्योरा भी निकाला है। न्यास के अधीन भी कई सम्पत्तियां हैं। इन सभी सम्पत्तियों को न्यायालय ने एचयूएफ घोषित कर दिया था। न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा था कि वादी एवं प्रतिवादी वादग्रस्त चल-अचल सम्पत्तियों की मौके की स्थिति व रिकॉर्ड को यथास्थिति रखेंगे तथा सम्पत्तियों को विक्रय नहीं करेंगे।