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निगम के गेराज में मिले दो निजी वाहन, उपमहापौर का नाम आते ही मचा बवाल

locationउदयपुरPublished: Aug 07, 2021 07:43:46 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

निगम के गेराज में मिले दो निजी वाहन, उपमहापौर का नाम आते ही मचा बवाल

निगम के गेराज में मिले दो निजी वाहन, उपमहापौर का नाम आते ही मचा बवाल

निगम के गेराज में मिले दो निजी वाहन, उपमहापौर का नाम आते ही मचा बवाल

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
नगर निगम में सहवृत व कांग्रेस के चुनिंदा पार्षदों ने मंगलवार को निगम के गेराज समिति पर छापा मारा। मौके पर उन्हें एक निजी एम्बुलेंस व टेम्पो मिले, जिनके वहां पर ठीक होने को लेकर बवाल मचाया। जांच में यह गाडिय़ां उपमहापौर की ओर से उनकी संस्था की होना सामने आने पर उनके वहां खड़े करने का लेकर पार्षदों ने हंगामा किया। सूचना पर उपमहापौर पारस सिंघवी व गेराज अधीक्षक मनोहर चौधरी मौके पर पहुंचे। सिंघवी ने उन्हें संस्था के वाहनों के दस्तावेज नहीं होने से वहां खड़े होने की जानकारी दी तो चौधरी ने यह वाहन निगम को दान करने के लिए कार्रवाई जारी होने के बारे में बताया।
सुबह पार्षद हितांषी शर्मा, संजय भगतानी, शंकर चंदेल व सहवृत पार्षद गोपाल राय नागर, मदन सिंह बाबरवाल, मोहम्मद शादाब, भगवती डांगी, नेहा कुमावत, शहनाज अयुब, रविन्द्रपाल सिंह कप्पू, गणेश शर्मा,रवि कुमावत सुबह गैराज समिति पहुंचे और उन्होंने वहां निरीक्षण किया।

मौके पर यह मिला
– गैराज प्रभारी अधिकारी लखन लाल बैरवा ने 4 माह पूर्व में ही से गैराज शाखा में आना बताया लेकिन उन्हें चार्ज में लिए सभी वाहनों की जानकारी पर अनभिज्ञता जताई।
– मौके पर दो निजी वाहन वेन एक टेम्पो मरम्मत होते मिले। पूछने पर किसी के दान देने की जानकारी लेकिन उनके विधिवत दस्तावेज नहीं दिखाए।
– राज्य सरकार द्वारा नगर निगम को सफाई व्यवस्था के लिए 6 वाहन दिए जो अनुपयोगी पड़े मिले।
– उपमहापौर को गाड़ी किस खाते में दी और 24 घंटे उनके पास गाड़ी क्यों रहती है।
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कोरोना की भयावह स्थिति में हमने अग्रवाल समाज व लायंस क्लब की मदद से एम्बुलेंस ली थी। उन्होंने निगम को भेंट करने से इनकार कर दिया मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें लेकर आया और जनता की सेवा में लगाई। टेम्पो में पक्षियों के लिए दाना व टंकियां लगा रखी है। दोनों वाहनों के दस्तावेज आरटीओ से नहीं आने पर उन्हें गेराज में खड़ा कर रखा है। वहां खड़ा करना कोई अपराध नहीं है, निगम के गेराज की ओर से उनमें एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। एक भी आरोप साबित कर दे तो सार्वजनिक जीवन से संयास ले लूगां। दस्तावेज मिलते ही यह दोनों वाहन जनता की सेवा में लगेंगे।
पारस सिंघवी, उपमहापौर

गेराज का कार्यभार संभालने से पहले इसका सालाना खर्चा करीब 13 करोड़ था, जिसे कम करके हम इसे 8 करोड़ के आसपास लेकर आए है। पेट्रोल व डीजल पर काफी बचत की है। दो गाडिय़ों पर आरोप लगा रहे है, यह गाडिय़ां निगम को भेंट कर रहे है, यह कार्रवाई चल रही है। भेेंट का कह दिया है तो काम तो करवा सकते है। राज्य सरकार के छह वाहन जो आए है उनकी जरुरत नहीं होने से हमने राज्य सरकार को पत्र लिखा है, उनसे दूसरे वाहन मांगें है, जिसके कारण व खड़े है।
मनोहर चौधरी, गेराज समिति अध्यक्ष
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