निगम नहीं संभाल पाई सम्पत्तियां, यूआईटी से मिले खाली भूखंडों पर हो गया कब्जा
उदयपुरPublished: Nov 25, 2021 07:53:57 am
निगम नहीं संभाल पाई सम्पत्तियां, यूआईटी से मिले खाली भूखंडों पर हो गया कब्जा
निगम नहीं संभाल पाई सम्पत्तियां, यूआईटी से मिले खाली भूखंडों पर हो गया कब्जा
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
यूआईटी की ओर से नगर निगम को हस्तांतरित की गई कई आवासीय कॉलोनियां व खाली भूखंड को निगम संभाल ही नहीं पाई। हिरणमगरी, गोवद्र्धनविलास में करोड़ों रुपए की इन प्रोपर्टी पर पूर्व में तत्कालीन महापौर ने निगम की सम्पत्ति संबंधी बोर्ड भी लगवाए थे लेकिन उनमें से कई पर कब्जा हो गया और आज तक उनका वापस सर्वे नहीं हुआ। हालत है यह कि अधिकांंश भूखंडों की फाइलें गायब चल रही है और निगम के पास जाने पर वे यूआईटी के पास व यूआईटी के पास जाने वे निगम के पास फाइलें होना बताकर टाल रहे है।
इस सबंध में बुधवार को कलक्टर की अध्यक्षता में यूआईटी परिसर में पार्षद की हुई बैठक में यह मामला उभर कर सामने आया। पार्षदों ने पूछा हंस्तातरित हो चुकी कॉलोनियां व आवासीय योजनाएं के मालिक निगम है या यूआईटी इसे स्पष्ट करे। इस पर कलक्टर ने जवाब देते हुए कहा कि जो सम्पत्ति निगम को हस्तातंंरित हो चुकी है वे ही उनके मालिक है, इन फाइलों का निस्तारण वे ही करेंगे। कलक्टर ने इस दौरान सभी पार्षदों उनके क्षेत्र में लोगों को पट्टों के लिए जागृत करने का आहृान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की फ्री होल्ड स्कीम में सभी को लाभ मिल रहा है, वे ज्यादा से ज्यादा लोगों से लाभांवित करे। इस दौरान पुरोहितों की मादड़ी व गोवद्र्धनविलास क्षेत्र में हजारों की संख्या में लोगों के पास पट्टे नहीं होने की भी जानकारी दी। बैठक में यूआईटी सचिव अरुण हसीजा व निगम के करीब 50 से ज्यादा पार्षद मौजूद थे।
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निगम ने लगवाए थे 239 भूखंडों पर बोर्ड
सहवृत पार्षद अजय पोरवाल ने कहा कि तत्कालीन पार्षद रजनी डांगी के समय यूआईटी की ओर से निगम को हस्तातंरित की गई कॉलोनियों व योजनाओं में से 239 खाली भूखंड थे। उस दौरान वहां पर निगम के सम्पत्ति के संबंधी बोर्ड लगाए गए थे। वे बोर्ड गायब होकर कई जगह पर कब्जे हो गया। निगम सर्वे कर इन्हें कब्जों को हटाए तो करोड़ों का राजस्व मिल सकता है।
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20 फीसदी लोगों के पट्टों पर आ रही आपत्ति
वार्ड-23 की पार्षद आरती ने बताया कि उनके वार्ड सविना पथिक नगर व आसपास के इलाके 80 प्रतिशत लोगों को पट्टे मिल चुके है लेकिन 20 प्रतिशत अभी भी बाकी है। उन सम्पत्तियों पर देवस्थान की भूमि की आपत्ति जताई गई है जिसका निस्तारण किया जाए।
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भ्रम से कई लोग नहीं कर रहे आवेदन
पार्षद लोकेश गौड ने कहा कि कॉलोनियों में लोगों के बीच भ्रम फैला दिया गया है कि पट्टे देने के दौरान आपके मूल कागज यूआईटी व निगम रख लेगी और आपको सिर्फ पट्टे का कागज दे देगी। इस कारण समझाइश के बाद कई लोग पट्टे के लिए आवेदन नहीं कर रहे।