निगम को दी खुली चुनौती उखाडऩा है जो उखाड़ लो, लिख आए बड़े-बड़े अक्षरों में नाम
निगम को दी खुली चुनौती उखाडऩा है जो उखाड़ लो, लिख आए बड़े-बड़े अक्षरों में नाम
उदयपुर
Published: February 17, 2022 09:22:37 am
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
यूआईटी से हस्तांतरित हुई कॉलोनियों में खाली पड़े भूखंडों को नगर निगम द्वारा खुदबुर्द करने के मामले में निगम एक-एक कॉलोनी का सर्वे कर जहां भूखंडों पर कब्जा व नामांतरण निरस्त कर रही है वहीं कब्जेदार मौके पर पहुंच कर निगम को खुली चुनौती दे रहे है। वे मौके पर भूखंडों पर अपने-अपने बड़े नाम लिखवाकर स्वयं की सम्पत्ति होना बताते हुए निगम अधिकारियों को खुलेआम चुनौती दे रहे है कि उखाडऩा है जो उखाड़ लो, हम तो नहीं हटेंगें। इधर, निगम ने रेलवे स्टेशन के सामने यूआईटी द्वारा पार्किंग के लिए छोड़ी गई जमीन पर काबिज कब्जेदार द्वारा मांगी गई भवन अनुमति की स्वीकृति को निरस्त कर दिया। करीब 8 हजार स्कवायर फीट इस भूखंड के निगम की सम्पत्ति संबंधी कागज मौजूद है लेकिन कब्जेदार ने मामला न्यायालय में खींच रखा है।
यूआईटी से हस्तांतरित की गई कॉलोनियों में खाली भूखंडों के निगम द्वारा नहीं संभालने पर वहां पर लोगों ने कब्जा कर लिया था। राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की। खबरों के प्रकाशन के बाद महापौर के आदेश टीम गठित की वहीं जिला कलक्टर के आदेश पर कॉलोनियों का सर्वे अभियान चलाया। अब तक निगम टीम ने सेक्टर.3 कॉलोनी का निरीक्षण कर लिया जबकि सेक्टर.4 में यह कार्य चल रहा है। महापौर गोविंद सिंह टांक ने बताया कि यूआईटी से हस्तांतरित समस्त कॉलोनियों का सर्वे कर एक.एक सम्पत्ति का ब्योरा निकाला जाएगा।
..
जिस भूखंड का नामांतरण निरस्त किया वहां लिख दिया फिर नाम
यूआटी से हस्तांतरण में हुई सेक्टर.8 की कॉलोनी में भूखंड संख्या.1 गायब था। उस भूखंड की फाइल ही निगम में नहीं आई। निगम के अधिकारियों के अनुसार 5400 स्कवायर फीट इस भूखंड पर राजेन्द्र धाकड़ ने सम्पत्ति का बोर्ड लगा रखा था और उसे दो जनों को बेच दिया था। जांच में इस भूखंड का यूआईटी से 26 मई 1982 का मंडी की नाल निवासी गणेशलाल पुत्र नवलाजी तेली का आवंटन पत्र मिला। इसमें 90 रुपए प्रति वर्ग गज की दर से भूखंड आवंटन बताया। गणेशलाल को 50835 रुपए में भूखंड आवंटित किया गया निगम का कहना है कि इस जमा राशि की किसी के पास रसीद नहीं है और पता भी गलत सामने आया है। निगम ने जांच के बाद इस भूखंड का नामांतरण निरस्त कर दिया। इस निरस्त किए भूखंड दो कब्जेदार सामने आए। उनका कहना था कि उन्होंने इस धाकड़ से नामांतरण के आधार पर यह भूखंड खरीदा। अधिकारी सम्पत्ति को निगम की बता रहे है वहीं कब्जेदार ने वहां पर स्वयं की सम्पत्ति होने का नाम लिख लिया।
..
रेलवे स्टेशन के सामने जमीन पर भी नजर
रेलवे स्टेशन के सामने आठ हजार स्कवायर फीट की जमीन भी निगम की बताई है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस जमीन को यूआईटी ने पार्किंग के लिए छोड़ी थी। इस पर कब्जेदार ने कब्जा करते हुए वहां ब्राउंड्रीवॉल बनवा दिया। भवन निर्माण की अनुमति के दौरान इसके कागज में संशय पर इनपावर कमेटी भी जांच की। कागज फर्जी आने उसे अनुमति नहीं दी।

पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
