गांव में बिजली सप्लाई के लिए दो ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। एक उचित मूल्य की दुकान के सामने और दूसरा गांव के प्रवेश पर स्थित चौराहे पर। दोनों ही ट्रांसफार्मर से बगैर फ्यूज के सीधे ही सप्लाई हो रही है। कभी हाई वॉल्टेज का प्रवाह हुआ तो घरों में बैठे लोग भी इसकी चपेट में आ जाएंगे।
गांव के खेतों में नंगे तार पड़े हुए हैं। इनमें करंट दौड़ रहा है जिसकी चपेट में आने से शुक्रवार को एक बंदर की मौत हो गई थी। इसकी शिकायत विद्युत निगम के कर्मचारियों को करने के बावजूद लाइन को बंद नहीं किया गया।
वरड़ा-उभयेश्वर मार्ग पर करीब आठ माह पूर्व खंभे लगाकर विद्युत लाइन खींची गई है। शुक्रवार को हुए हादसे वाली जगह के आसपास पांच खंभे धराशायी मिले। जिस खंभे के गिरने से दो मौत हुई, वह टूट कर सड़क पर गिरा था।
उभयेश्वर मार्ग पर बिछाई गई नई लाइन पर जो खंभे लगाए गए हैं, वे सड़क के किनारे भराव पर लगाए गए हैं। इनके नीचे नियमानुसार फाउंडेशन नहीं है। इस मार्ग पर कई खंभे टेढ़े हो गए हैं। बारिश के दौरान और भी खंभों के गिरने की आशंका बनी हुई है।
छह माह पर सपोर्ट पर खड़ा खंभा घर के सामने एक खंभा बीच में से टूटा हुआ है। इसके टूटने पर उन्होंने निगम को कई बार शिकायत की। करीब छह माह पूर्व निगम के कर्मचारी आए और टूटे खंभे पर सपोर्ट लगाने लगे। इस पर आपत्ति जताई तो कर्मचारियों ने पांच दिन में नया खंभा लगाने का आश्वासन दिया। आज तक खंभा नहीं बदला।
उचित मूल्य दुकान के सामने लगे ट्रांसफार्मर से बारिश और लोड बढऩे पर चिंगारिया निकलती हैं जिससे आग लगने की आशंका है। शिकायत के बावजूद ट्रांसफार्मर को व्यवस्थित नहीं किया जा रहा है।