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‘भगवानÓ है नहीं, सेहत का रखवला कौन

locationउदयपुरPublished: May 18, 2022 07:26:27 pm

Submitted by:

surendra rao

दोनों कंपाउंडर छुट्टी पर तो कोई नहीं धणी धोरी

'भगवानÓ है नहीं, सेहत का रखवला कौन

‘भगवानÓ है नहीं, सेहत का रखवला कौन

बनोड़ा. (उदयपुर). बेडावल का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र केवल दो कंपाउंडर के भरोसे संचालित हो रही है। जब वे दोनों छुट्टी पर होते हैं तो इस इलाके का कोई धनीधोरी नहीं होता। बेडावल के हेमराज मीणा ने बताया कि बेडावल की पीएचसी में दो कम्पाउडर के अलावा कोई डॉक्टर नहीं है, जिससे इलाके के लोग परेशान है।
उन्हें यही ङ्क्षचता सताती है कि बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों के अचानक आधी रात को बीमार पडऩे पर हम कहा जाएंगे। गांव के हेमराज ने बताया कि मंगलवार को उसकी बच्ची बीमार हो गई, इलाज के बेडावल पीएचसी पंहुचा, जहां दोनों कम्पाउंडर भी नहीं थे, इस कारण उसे तुरंत सलूम्बर के लिए निकलना पड़ा। जब पत्रिका ने दूरभाष से कम्पाउंडर से बात की तो वे बोरज में वैक्सीनेशन के लिए गए हुए थे, इस वजह से लेट हो गए। ये तो मात्र एक उदाहरण है ऐसे मामले रोजाना आते हैं।
सलूंबर या उदयपुर पर निर्भरता
शरीर में कोई भी रोग होने पर डॉक्टर सबसे पहले जांच के लिए कहते है लेकिन यहां नजदीकी इलाके में कहीं भी जांच की मशीनें नहीं है, जिससे लोग अपने शरीर की जांच करवा सकें। ऐसी स्थिति में लोगों को 20 किलोमीटर दूर सलूम्बर जाना पड़ता है। यदि कोई इमरजेंसी है तो यहां से 90-100 किलोमीटर दूर उदयपुर का रास्ता तय करना पड़ता है।
छोटा पड़ता है पीएचसी का भवन
पीएचसी का भवन केवल 3 कमरे ही होने पर छोटा पड़ता है। इतने सालों से केवल 3 कमरों में ही इलाज किया जा रहा है। जिसमें केवल दो बेड हैं। अगर दो से ज्यादा लोग इलाज के लिए आए तो बेड की कमी रहती है। बताया कि सलूम्बर यहां से 20 किलोमीटर दूर है फिर भी यहां सुविधाओं की कमी है।
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