मजदूर क्या गए, गले में आ गई सेठियों की बोले-बुलाओ मजदूरों को नहीं तो बंद हो जाएंगें उद्योग
उदयपुरPublished: May 07, 2020 01:58:37 pm
मजदूर क्या गए, गले में आ गई सेठियों की बोले-बुलाओ मजदूरों को नहीं तो बंद हो जाएंगें उद्योग
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
कोरोना के बीच लॉकडाउन में फंसे हजारों श्रमिकों के अपने पैतृक गांवों में चले जाने से कल-कारखाने थम गए। मार्बल, माइंस से लेकर पूरे औद्योगिक क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया है। खुद उद्यमी हैरान व परेशान है कि श्रमिक जब तक नहीं लौटेंंगे तब तक उद्योगों का चल पाना बहुत मुश्किल है। अकेले उदयपुर जिले में कल कारखानों में करीब 13 हजार श्रमिक कार्यरत है, इनमें से 10 फीसदी ही अभी फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं।उद्यमियों ने बताया कि गुड़ली, मादड़ी व कलड़वास रिको क्षेत्र में करीब 2 हजार औद्योगिक इकाइयों में करीब 13 हजार श्रमिक कार्यरत है। इनमें आधे से ज्यादा उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश के श्रमिक है। लम्बे समय से यही फैक्ट्रियों में कार्यरत होने से अधिकांश कुशल होकर स्थानीय श्रमिकों की अपेक्षा कम मानदेय पर ड्यूटी दे रहे हैं। लॉकडाउन के बाद अधिकांश श्रमिक बाहरी राज्य गुजरात व महाराष्ट्र से आए साथियों के साथ अपने-अपने पैतृक गांव लौट गए। कई श्रमिक तो सकुशल घर पहुंच गए तो कुछ श्रमिक अभी अलग-अलग जिलों में क्वारंटाइन है। उद्यमियों का कहना है कि रिको क्षेत्र की एक-एक फैक्ट्री में करीब 40 से 50 श्रमिक बाहर के कार्यरत है, इनके आने के बाद ही उद्योग गति पकड़ पाएगा। स्थानीय श्रमिकों के भी उदयपुर, राजसमंद, सिरोही जिलों में पलायन करने से उद्योग बिल्कुल ठप पड़ गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी श्रमिकों के लौटने तक उद्योग गति नहीं पकड़ पाएगा।– कई श्रमिक भी अभी रास्तों में अटके पड़ेलॉकडाउन में सीमा सील होने के बाद गुजरात व महाराष्ट्र से सैकड़ों श्रमिक वाहनों व पैदल ही चलकर बॉर्डर पर पहुंच गए थे। करीब 70 हजार में से 34 हजार मजदूर डूंगरपुर-बांसवाड़ा के रास्ते निकले तो करीब 36 हजार मजदूर उदयपुर जिले से होकर गुजरे। इनमें से 9 से 10 हजार मजदूर जिले के अपने-अपने गांव में पहुंचे। शेष अन्य जिलों व राज्यों में जाने वाले मजदूर लॉकडाउन में अलग-अलग जिलों में ही अटक गए। इन श्रमिकों को अभी अलग-अलग राज्यों की सरकार उनके पैतृक गांवों में पहुंचाने में लगी है। इनमें उदयपुर से पलायन करने वाले कई श्रमिक भी शामिल थे।
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आईटी सेक्टर भी पूरी तरह ठप
उदयपुर में आईटी सेक्टर में करीब 4 से 5 हजार कर्मचारी काम करते है। यहां अधिकांश काम यूएस से आता है लेकिन दुनिया में कोविड-19 के चलते अभी यह काम आना बंद हो गया। इस सेक्टर में भी काम कम होने से कई कार्मिकों के रोजगार पर संकट मंडराने लगा है।
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जिले में संचालित कल कारखाने- करीब 2 हजार
श्रमिक कार्यरत – करीब 13 हजार
बाहरी श्रमिक – करीब 8 हजार
अधिकांश श्रमिक- यूपी, बिहार व एमपी के