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यूं अगर नगर निगम के हर पार्षद हो सक्रिय तो कहां हो समस्या

locationउदयपुरPublished: Feb 11, 2020 01:43:32 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

यूं अगर नगर निगम के हर पार्षद हो सक्रिय तो कहां हो समस्या

यूं अगर नगर निगम के हर पार्षद हो सक्रिय तो कहां हो समस्या

यूं अगर नगर निगम के हर पार्षद हो सक्रिय तो कहां हो समस्या

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
जनता से जुड़े मुद्दों को निपटाने के लिए आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में पहली बार ऐसा मौका आया जब नगर निगम के खिलाफ दायर प्रकरणों को निपटाने के लिए पूरी विधि समिति कोर्ट पहुंची। समिति में शामिल पार्षदों ने प्रकरणों को समझते हुए जनता से जुड़े 18 मामले न्यायिक अधिकारियों के साथ मिलकर राजीनामे से निपटाए। इसमें सबसे बड़ा दाइजी की पुलिया पर निमार्णाधीन एक और पुलिया का निर्माण निरस्त के आदेश जारी हुए। तकनीकी खामी को लेकर लोगों ने विरोध किया था। निगम के इन प्रकरणों के अलावा 1155 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण करने के साथ ही 13.47 करोड़ के अवार्ड जारी किए गए। इन प्रकरणों के निस्तारण के बाद पेशियों पर चक्कर काटने वाले कई लोग खुश हुए।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रिद्धिमा शर्मा ने बताया कि प्राधिकरण के अध्यक्ष व डीजे रविन्द्र कुमार माहेश्वरी के निर्देशन में आयोजित लोक अदालत के निस्तारण के लिए 41 बैंचों का गठन किया था। इनमें राजीनामा योग्य फौजदारी, पारिवारिक, बैंक रिकवरी, चैक अनादरण, एमएसीटी, पारिवारिक एवं सिविल सहित जिलेभर में संचालित प्री-लिटीगेशन एवं लंबित करीब 12900 प्रकरणों को रखा गया।

निगम के इन प्रकरणों का निस्तारण
दाईजी पुलिया- लोक अदालत में सबसे बड़ा दाईजी की पुलिया पर समान्तर पुलिया के निर्माण का यह प्रकरण निपटा। पुष्पेन्द्र बनाम निगम प्रकरण में निगम वहां यातायात के दबाव को कम करने के लिए समान्तर पुलिया बना रहा था लेकिन तकनीकी खामी के चलते लोगों ने विरोध किया था।
शौचालय पर रोक- सेक्टर-13 दुकान के पास व उदयसपुर क्रय विक्रय सहकारी समिति के पास बनने वाले शौचालय पर राजीनामे से रोक लगाई गई।बाउंड्रीवॉल पर रोक- बसंत विहार कॉलोनी में पार्क में बाउंड्रीवॉल पर रोक लगाई गई। इस बाउंड्रीवॉल के निर्माण से वहां एक मकान में खिड़कियां बंद होने हवा, रोशनी रुक रही थी।
थड़ी लगाने वाले फिर आएंगे- गुलाबबाग के पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाई जा रही रोड के करण वहां से हटाए गए थड़ी वालों को निगम रोड बनने के बाद फिर से वहीं खड़े रहने देगा।पूरी विधि समित आई कोर्ट मेंविधि समिति अध्यक्ष सोनिका जैन ने बताया कि लोक अदालत की ओर से मामलों को निपटाने के लिए नोटिस आए थे। अब तक अधिकारी, अधिवक्ता व अन्य कारणों से इन मामलों के निस्तारण में मदद नहीं हो रही थी। पेशे से अधिवक्ता सोनिका ने नोटिस को गंभीरता से लेकर अपनी टीम करणमल जारोली, आरती वसीटा, भगवती डांगी, शिल्पा पामेचा, मोहन गुर्जर, मोहसिन खां के साथ ही निगम के अधिकारी पवन कोठारी, ओमप्रकाश मेघवाल, एकलिंग नाथ पालीवाल, मनीष अरोड़ा, मुकेश पुजारी, सिराजुद्दीन, दिनेश कुमार शर्मा, नरेंद्र कुमार श्रीमाली, शशिबाला सिंह, शैलेंद्र सिंह के साथ फाइलों का अध्ययन किया। पूरी टीम शनिवार को कोर्ट पहुंची। निगम के अधिवक्ता भूपेन्द्र जैन, महेन्द्र ओझा एवं सहायक अधिवक्ता लोकेश मांडोत के साथ मिलकर संबंधित पक्षकारों से राजीनामा किया। दिनभर में 18 प्रकरण निपटाए गए। डीजे माहेश्वरी ने नगर के अधिवक्ता जैन व टीम को बधाई दी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

तलाकशुदा पति-पत्नी फिर मिले पारिवारिक न्यायालय में विचाराधीन दो प्रकरणों में पति एवं पत्नी फिर से दाम्पत्य जीवन में आई दरार को दूर कर एक दूसरे के साथ घर रवाना हुए। पारिवारिक न्यायाधीश ने समझाइश कर 7 प्रकरण राजीनामे से निपटाए। इसी तरह मोटर वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण क्रम-1 व 2 न्यायालय में 48 प्रकरणों में अवार्ड जारी किए गए।
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