इधर, भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बागी चुनाव लड़े भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि वे भाजपा के ही थे, है और आगे भी रहेंगे। महापौर के लिए भी भाजपा प्रत्याशी के साथ है। बस हम जीताऊ थे, हमे टिकट नहीं मिला इसलिए बागी लडऩा पड़ा और अब जीत गए तो पार्टी के साथ ही है। यह बात पत्रिका से बातचीत में दोनों बागियों ने कही। वार्ड 41 से निर्दलीय जीते कमलेश मेहता और वार्ड 65 से जीते पुनमचंद मौर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी बात की, इन्होंने कटारिया से भी यहीं कहा कि मानसिकता पार्टी के अलावा कहीं नहीं है, पार्टी के प्रति समर्मित है। कटारिया ने वैसे दूरभाष पर बातचीत की।