जगन्नाथ स्वामी से मिलन
शोभायात्रा जगदीश मंदिर पहुंची। पालकी को जयकारों के बीच श्रद्धालु मंदिर में ले गए। भगवान सांवलियां सेठ को भगवान जगन्नाथ ( Jagdish ) स्वामी के सम्मुख गर्भगृह में ले जाया गया। प्रभु के मिलन के दौरान बाहर श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते रहे। इस बीच जयकारों से माहौल धर्ममयी हो गया। भगवान को भोग धराने के साथ ही आरती उतारी गई। इसे बाद सांवलिया सेठ को पुन: पालकी में विराजित कर जगदीश चौक लाया गया और भगवान को शोभायात्रा के रूप में गणगौर घाट ले जाया गया।
शोभायात्रा जगदीश मंदिर पहुंची। पालकी को जयकारों के बीच श्रद्धालु मंदिर में ले गए। भगवान सांवलियां सेठ को भगवान जगन्नाथ ( Jagdish ) स्वामी के सम्मुख गर्भगृह में ले जाया गया। प्रभु के मिलन के दौरान बाहर श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते रहे। इस बीच जयकारों से माहौल धर्ममयी हो गया। भगवान को भोग धराने के साथ ही आरती उतारी गई। इसे बाद सांवलिया सेठ को पुन: पालकी में विराजित कर जगदीश चौक लाया गया और भगवान को शोभायात्रा के रूप में गणगौर घाट ले जाया गया।
महिलाओं को किया सम्मानित
गणगौर घाट पहुंचने पर सांवलिया सेठ को छप्पन भोग धराया गया। इसके बाद माहेश्वरी महिला सेवा समिति का आयोजन हुआ। मंच पर समिति की अध्यक्ष किरण माहेश्वरी, नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी, समाजसेवी जानकीलाल मूंदड़ा सहित समिति वरिष्ठ महिला सदस्य थे। आयोजन में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
गणगौर घाट पहुंचने पर सांवलिया सेठ को छप्पन भोग धराया गया। इसके बाद माहेश्वरी महिला सेवा समिति का आयोजन हुआ। मंच पर समिति की अध्यक्ष किरण माहेश्वरी, नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी, समाजसेवी जानकीलाल मूंदड़ा सहित समिति वरिष्ठ महिला सदस्य थे। आयोजन में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
भगवान ने किया नौका विहार
आयोजन के बाद भगवान सांवलिया सेठ को नौका में विराजित किया गया और नौका विहार करवाया गया। इस दौरान समिति के सदस्यों ने जोड़े में बैठकर ठाकुरजी और जल की पूजा की और आरती उतारी। इसके बाद एक अन्य नाव से पिछोला को लहरिया ( Lahriya ) ओढ़ाया गया और मेवाड़ की झीलों को भरा रखने की कामना की।
आयोजन के बाद भगवान सांवलिया सेठ को नौका में विराजित किया गया और नौका विहार करवाया गया। इस दौरान समिति के सदस्यों ने जोड़े में बैठकर ठाकुरजी और जल की पूजा की और आरती उतारी। इसके बाद एक अन्य नाव से पिछोला को लहरिया ( Lahriya ) ओढ़ाया गया और मेवाड़ की झीलों को भरा रखने की कामना की।
Udaipur News : Sanwariya Seth Jagdish