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क्रूज पानी ही नहीं हवा को भी खराब करेगा

locationउदयपुरPublished: Feb 14, 2020 01:22:28 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

पिछोला में क्रूज के प्रदूषण से चिंतित नजर आए उदयपुर वासी

क्रूज

क्रूज

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. जिस झील से जलापूर्ति होती है वहां क्रूज के प्रदूषण से बीमारियां ही होगी। यह सबको पता है कि उदयपुर की प्यास फतहसागर व पिछोला झील से ही बुझाई जाती है। पेट्रोल-डीजल चालित इन जहाजनुमा नावों से पानी में यह ईंधन तथा निकलने वाली जहरीली गैसों के बारीक कण पानी में मिल उसमें विषैलापन बढ़ा देते हैं। यह असंभव है कि सैकड़ों लोग सुबह से रात तक इस क्रूज में घूमे और किसी तरह का प्रदूषण नही हो। बड़ी बात यह है कि क्रूज पानी ही नहीं हवा को भी खराब करेगा। इससे झील के आसपास की हवा की गुणवत्ता भी खराब होगी। हमारे गलत कार्यों से पहले से ही देशी प्रवासी पक्षी आने बंद हो गए है, क्रूज से ये पक्षी झील क्षेत्र से और दूर भागेंगे। शहरवासियों की क्रूज को लेकर प्रतिक्रियाएं पढ़े-
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क्रूज ना चला झीलों के नैसर्गिक सोन्दर्य को बचाए
जहां उदयपुर व आसपास की प्राकृतिकता से आकर्षित होकर ही पर्यटक यहां आते है वहीं उदयपुर वासियों को भी यहां की झीलों से बड़ा लगाव है। ऐसे में झीलों का प्राकृतिक संरक्षण होना चाहिए। झील में क्रूज को ना चलाकर झीलों के नैसर्गिक सोन्दर्य को बहाल रखा जाए। आवश्यकता है कि झीलों के आसपास की सफाई, अवैध निर्माण, प्रदूषण की रोकथाम व कम से कम मानवीया गतिविधियां हो इस पर फोकस किया जाए।
– ओमप्रकाश शर्मा, सेवानिवृत आईएफएस अहिंसापुरी

महाराण ने जनता के हित के लिए बनाए
केन्द्र व राज्य सरकार के किसी भी विभाग को प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए पहाड़, नदी, तालाब, कुएं, पशु-पक्षियों से छेड़छाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें जनहित में सुरक्षित एवं संरक्षित रखना चाहिए अन्यथा उसके कई बुरे परिणाम जनता को भुगतने पढ़ेंगे। महाराण ने झीलें, पार्क, हॉस्पिटल आदि जनता के हित के लिए तैयार किए थे। इसमें से किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियां करने का कोई अधिकार किसी को भी नहीं है। झीलों में किसी भी प्रकार से डीजल-पेट्रोल की नावों या क्रूज का संचालन नहीं करना चाहिए। – अशोक सिंघवी, अधिवक्ता

शहर की पहचान मिटाने पर आमदा
पिछले कुछ समय से सरकारी उदासीनता एवं व्यक्तिगत लाभ के कारण हमारी झीलों के आस-पास अतिक्रमण के साथ ही झीलों के मूल स्वरूप को प्रभावित किया जा रहा है। अगर क्रूज और दूसरी गतिविधियां इसी तरह बढ़ी तो भविष्य के लिए हमारे शहर की पहचान को मिटा देगा। यदि समय रहते हुए इन्हें रोका नहीं गया तो इसका खामियाजा पीढिय़ों को भुगतना पड़ेगा। यदि हम अब भी झीलों के प्रति जागरूक नहीं होंगे तो आने वाले समय में हमारी आंखों के सामने झीलों की बर्बादी हो जाएगी।
– चन्द्र प्रकाश गन्धर्व

अफसर तो जिम्मेदार इधर-उधर थोपते
क्रूज किसी भी कीमत पर नही चलना चाहिए। क्योंकि जिम्मेदारी कोई भी नहीं लेता हैं जिससे आने वाले समय में झील की तस्वीर बद से बदतर हो सकती है।समय रहते नहीं चेते तो आने वाले समय में हमारी संस्कृति और झील प्रभावित होगी। पहले भी झील में शराब पार्टी आदि रात्रि में बोट में की गई और जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोपते रहे। जनता को एकजुट होकर झील को क्रूज से बचाना होगा।
– गजेन्द्र सामर, हिरणमगरी सेक्टर 3

कूंज चिंता का विषय
क्रूज चिंता का विषय है। झील को प्रदूषण से बचाना ही होगा और इसके लिए सबसे पहले इस पर प्रतिबंध लगाया जाए। हमे प्रदूषण के प्रति सचेत रहना होगा अन्यथा हमारी आगामी पीढिय़ों को हम क्या जवाब देंगे।
– अभिमन सिंह राठौड़

हमारे शहर के लिए ठीक नहीं
क्रूज बड़े-बड़े शहरों के लिए ठीक है, हमारी संस्कृति भी नहीं है। पिछोला से ही पानी शहर पी रहा है और इसी में क्रूज का प्रदूषण होगा यह मंजूर नहीं है। यह पानी ही नहीं पर्यावरण व पक्षियों के लिए भी खतरनाक साबित होगा।
– अजय जोशी

झीलें खराब ही होगी
झीलें उदयपुर की पवित्र पहचान तो है ही साथ ही ये उदयपुर की प्यास बुझाने की मुख्य स्रोत है। क्रूज से पर्यटकों की आवाजाही तो बढ़ेगी ही परन्तु ये जलीय जीवों के जीवन से ज्यादा कीमती नहीं है। सख्त नियम कायदे बनाकर इसे चलाया जा सकता है पर मौजूदा हालात देखकर नहीं लगता है कि नियमों की पालना होगी। ऐसे में झीलें और खराब होगी।
– तुलसीराम पालीवाल, विश्वविद्यालय मार्ग
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प्रदूषण से नहीं बचा सकेंगे झील को
क्रूज से पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा परन्तु जिन झीलों के कारण उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता हैं उन्हीं झीलों को प्रदूषण से नहीं बचाया जा सकेगा। इसका असर प्रवासी व अप्रवासी पक्षियों तथा जलीय जीवों पर भी पड़ेगा, इसलिए क्रूज नहीं चलना चाहिए।
– ललित कुमार मोड, हिरणमगरी सेक्टर 14
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डीजल वाला पानी पीएंगे
क्रूज चलाना चाहिए लेकिन
जिस पानी को जनता को पिला रहे है वही क्रूज चले यह किसी भी सूरत में ठीक नहीं है। जिसका पानी प्यास बुझाने के उपयोग में नहीं आ रहा है उस जगह क्रूज चलाया जा सकता है लेकिन पिछोला में तो यह कतई नहीं होना चाहिए।
– सिद्धिवर्धन सिंह राव, पुराने आरटीओ के पास
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