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विधानसभा : सत्र खत्म होने आया विद्यार्थियों को पोशाकें अभी तक नहीं मिली

locationउदयपुरPublished: Feb 11, 2020 10:37:30 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

जनजाति छात्रावासों का मुद्दा उठाया मीणा ने, कटारिया ने भी उठाया प्रक्रिया पर सवाल

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मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. विधानसभा में सोमवार को आदिवासी अंचल के जनजाति छात्रावासों के विद्यार्थियों की स्कूल डे्रस से गूंजा। उदयुपर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने सदन में कहा कि जब शिक्षण सत्र समाप्त होने को लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस नहीं मिली। मंत्री परसादी लाल मीणा ने जवाब दिया लेकिन बीच में ही विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पूछा कि पहले की प्रक्रिया क्या दोष था जिसे बदला गया?
सदन में मीणा ने कहा कि टीएडी छात्रावासों, एकलव्य मॉडल रेजीडेंसी स्कूल एवं खेल छात्रावासों में वर्ष 2013 में पूर्ववती कांग्रेस सरकार के मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया के समय इन जजा छात्रावासों में सीधे ड्रेस दी जा रही थी लेकिन उन्होंने ड्रेस की बजाय राशि खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी। अब इस सरकार ने उस प्रक्रिया को बंद कर ड्रेस बनाने के लिए कपड़ा देना शुरू किया, ऐसा क्यों? बाद में भाजपा सरकार सत्ता में आई लेकिन नियम अच्छा था तो इसे लागू ही रखा और अब इस सरकार ने बदल दिया, मीणा ने यह भी पूछा कि दिसम्बर निकल गया लेकिन न तो कपड़ा मिला और न सिलाई के पैसे। विधायक ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार को पनपाने के लिए डे्रस खरीदने की प्रक्रिया लाई गई है? मंत्री मीणा ने कहा कि तब शिकायतें आई थी कि विद्यार्थियों को जो राशि उनके खाते में भेजते थे वह उससे ड्रेस नहीं खरीद कर दूसरे कार्यों में खर्च कर देते थे, इसलिए सरकार ने सक्षम स्तर पर पोशाक वितरण का निर्णय किया। मीणा ने राजस्थानी भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने पर भी सवाल किया। जवाब में सरकार ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के जारी आंकड़ों में भारत में राजस्थानी मातृ भाषा बोलने 2,58,06,344 तथा राजस्थान में कुल 2,52,79,304 की संख्या दर्शाई गई है।

कौनसे स्कूल है जिसका बालक ड्रेस पहनकर नहीं आए : कटारिया

इस मुद्दे पर बोलते हुए कटारिया ने कहा कि तब अनियमिताएं हुई कि कपड़ा बच्चों तक नहीं पहुंचता था इसलिए बैठकर राशि देना तय किया था। कटारिया ने कहा कि जो पैसा देते है उस समय ऐसा कौनसा स्कूल है जिसका बालक ड्रेस पहनकर नहीं आए। क्योंकि अगस्त तक अंतिम सीमा थी और बच्चे अच्छे से ड्रेस पहनकर आते थे। कटारिया ने पूछा कि उस प्रक्रिया में क्या दोष था? विस अध्यक्ष ने दोनों व्यवस्था में गुण व अवगुण है, दोनों की व्यवस्था को देखकर कैसे ठीक कर सके, इस पर प्रयत्न किया जाना चाहिए।

धर्मनारायण ने उठाया संस्कृत शिक्षा में रिक्त पदों का मुद्दा
मावली विधायक धर्मनारायण जोशी ने प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रिक्त पदों का मुद्दा उठाया। जवाब में सरकार ने कहा कि महाविद्यालय के शैक्षिक पदों को भरने के लिए महाविद्यालय सेवा नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। साथ ही प्राध्यापक विद्यालय के विभिन्न विषयों के 286 पदों के क्रम में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 264 पदों पर प्रतियोगी परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा चुके है। प्रधानाध्यापक प्रवेशिका के 100 पदों पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के स्तर पर विज्ञप्ति जारी करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

खेत तक पानी जाता नहीं, बिजली चली जाती : खराड़ी
राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि मंत्री ने वक्तव्य दिया कि गुजरात में प्रति युनिट पैसा ज्यादा है लेकिन मै गुजरात के पड़ौस में रहता हूं, इसलिए बताना चाहता हूं कि गुजरात में किसान को जिस प्रकार की सुविधा दी जा रही है उसे देखकर आए। खराड़ी ने कहा कि उनके इलाके में किसानों के खेत तक पानी जाता नहीं और बिजली चली जाती है। ऐसे हालात है फिर भी भार किसानों पर क्यों डाला?
भामाशाह कार्ड ही बंद कर दिया : अमृतलाल
सलूबंर विधायक अमृतलाल मीणा ने कहा कि अभिभाषण के बिन्दु प्रथम में नि:शुल्क दवा का जिक्र है लेकिन भाजपा सरकार की ओर से चलाया गया भामाशाह कार्ड को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि भामाशाह वह व्यक्ति थे जिन्होंने महाराणा प्रताप को दु:ख की घड़ी में अपना सारा धन समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे भामाशाह के नाम को भी कलंकित करने का प्रयास किया है।
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