पथराव व लाठीचार्ज के बाद हालात बेकाबू होते ही पुलिस ने हवाई फायर व आंसू गैस के गोले दागे। ग्रामीणों ने पुलिस के दो वाहन व दो रोडवेज बसों को फूं क दिए तथा पुलिस के कई वाहन पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिए। पथराव में चार थानाधिकारी सहित 15 पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं लाठीचार्ज में कई ग्रामीणों को भी चोटें पहुंची। अपराह्न में हालात काबू में आने के बाद पुलिस ने छापे मारते हुए 80 जनों को हिरासत में लिया।
समझाइश व धरपकड़ के बाद शाम तक स्थिति नियंत्रण में हो पाई। फिलहाल हालात नियंत्रण में परन्तु तनावपूर्ण बताए जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक सहित आला-अधिकारी मौके पर ही डेरा डाले हुए है। घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर के क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पीलादर निवासी रमेश पटेल की 8 जुलाई को उसके ही वाहन पर चालक रमेश मीणा ने पैसों के लेन-देन को लेकर हथियारों से वारकर हत्या कर दी थी। बाद में आरोपी ने साथी पारस मीणा की मदद से शव को जयसमंद अभयारण्य में फेंक दिया था।
पुलिस ने शव बरामदगी के बाद 12 जुलाई को हत्याकांड का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ग्रामीणों ने इस हत्याकांड में इन आरोपियों के अलावा शातिर तस्करों व अन्य आरोपियों की भी संलिप्तता बताते हुए पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं करने का आरोप लगाया।
Watch : रमेश हत्याकांड मामले में पुलिस व ग्रामीण आमने-सामने, पथराव, दो पुलिस के वाहन फूंके इस संबंध में गींगला, सलूम्बर व सराड़ा तहसील के गांवों के ग्रामीणों की सोमवार को झरियाना गांव में महापंचायत रखी गई। इसमें एक हजार से अधिक महिला-पुरुष शामिल हुए। महापंचायत के बाद सभी ग्रामीण उदयपुर पहुंच कर कलक्टर को ज्ञापन देने जाने वाले थे लेकिन उससे पहले ही पुलिस से झड़प हो गई।