वह भी संबंधित थाने को बिना सूचना दिए। हकीकत यह है कि भरतपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में 10 लाख रुपए के लेन-देन के विचाराधीन प्रकरण में पुलिस को पेश हुए परिवाद पर हिरणमगरी थाना पुलिस ने सेक्टर 14 निवासी मंडी व्यापारी हेमेंद्र कुमार सिंह को धौंसपट्टी दिखाई।
पुलिस की कार्रवाई से प्रतिष्ठा प्रभावित होने पर पीडि़त व्यापारी ने थाना पुलिस की शिकायत परिवाद के माध्यम से पुलिस महानिदेशक अजीतसिंह को भेज दी। इसमें व्यापारी ने थाना अधिकारी संजीव स्वामी, एएसआई हमेरलाल, हेड कांस्टेबल भगवान लाल एवं भरतपुर निवासी सुरेशचंद्र को आरोपित बनाया। परिवाद में बताया कि उसके बड़े भाई अनिल कुमार और सुरेशचंद्र के बीच मकान बेचने को लेकर 10 लाख रुपए के लेन-देन का विवाद अदालत में विचाराधीन है। इसी मामले में पुलिस सब्जी मंडी स्थित उनकी दुकान पर आई और बदसलूकी की।
आरोप है कि इसके बाद 3 अक्टूबर की रात 9 बजे एएसआई एवं उसके साथी सेक्टर 14 स्थित घर पर आए और उसके छोटे भाई गजेंद्र कुमार को उठाकर थाने ले आई। पुलिस ने गजेंद्र पर बेरहमी से डण्डे बरसाए। साथ ही मामले में की गई शिकायत को उठाने का दबाव बनाया। बात नहीं बनी तो उसे शांतिभंग के आरोप में बंद कर दिया।
दायरे में नहीं
इधर, कानूनी जानकारों की मानें तो गजेंद्र ने कोई अभद्रता की या शांतिभंग से जुड़ा कोई कार्य किया है तो हिरणमगरी थाना पुलिस को इसकी सूचना गोवर्धनविलास थाने को देनी चाहिए थी। सीधे परिसीमा तोडकऱ रात के समय घर से व्यापारी को उठा लेना गलत है।