हुआ यूं था कि बुलंद सितारों के भरोसे कांग्रेस ने पालिका बोर्ड की सत्ता भाजपा को बेदखल कर दिया था। कांग्रेस का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनने के बाद राजनीतिज्ञों की ओर से भाजपा पर कटाक्ष शुरू हो गए। जानकार यह कहने से नहीं चूक रहे थे कि भाजपा को जनता सेना से हाथ मिलाकर बोर्ड हथिया लेना चाहिए था। लोगों की जुबां पर बढ़ रही बातों के बीच ओबीसी मोर्चा जिलामंत्री सोनी ने दो दिसम्बर को मंडल अध्यक्ष के पुत्र धर्मवीर की सोशल साइड से रावण को आदर्श बताते हुए जनता सेना से कभी भी हाथ नहीं मिलाने की बात कह डाली। स्थानीय राजनीतिक में सोनी का वह वीडियो जोर-शोर से वायरल हो गया। इसके एक दिन बाद भाजपा की रीति-नीति से बाहर जाकर रावण के जयकारे लगाने वाले कार्यकर्ताओं को सीख देने के लिए भाजपा जिला प्रभारी दिनेश जोशी को भी सोशल मीडिया पर मुरारी बापू के प्रवचन वीडियो के साथ विचार वायरल करने पड़े। इसका अर्थ यही था कि पार्टी राम को ही आदर्श मानती है। रावण को नहीं। भाजपा के भीतरी द्वंद पर अन्य राजनीतिक संगठन चुटकियां ले रहे हैं। जिला प्रभारी दिनेश जोशी ने भाजपा मण्डल अध्यक्ष भगवतीलाल शर्मा की ओर से हाथ खड़े करते का फोटो भी पोस्ट किया, जिस पर एक ही धुन जय भारत, भारत माता की जय लिखा था।
बता दें कि शब्दबाणों की राजनीति के बीच मोर्चा महामंत्री सोनी उनके बयानों में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्होंने विचारों की पंक्तियों को पूरा करने के लिए रावण को माध्यम बनाया था, जबकि वह खुद राम को आदर्श मानते हैं। बता दें कि सोनी ने कहा था कि ‘दुश्मन के आगे सिर झुकाए, रावण का दस्तूर नहीं, मर जाना मंजूर मगर सीता देना मंजूर नहींÓ सोनी के इन बयानों की कांग्रेस जैसे धुरविरोधी राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कड़ी आलोचना भी की थी।
मुरारी बापू के वीडियो का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। राम ही राष्ट्र और राष्ट्र ही राम है। राम हमारे और पार्टी के प्रेरणा स्त्रोत हैं। गिरधारी सोनी के बयान को राम विरोधी बताना गलत है। उन्होंने रावण की मिशाल दी थी। udaipur political news न कि रावण की जयकार की थी।
दिनेश जोशी, भाजपा जिला प्रभारी, उदयपुर