डीआरएम परसुरामका ने कोचिंग डिपो में स्वचालित कोच धुलाई संयंत्र (एसीडब्लूपी) ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का शुभारंभ भी किया। स्वचालित कोच धुलाई संयंत्र की स्थापना 1.77 करोड़ की लागत से की गई है। संयंत्र लगने से रेलवे कोचेज की बाहरी धुलाई की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे पानी और मानव श्रम की भी बचत होगी। संयंत्र लगने से प्रति ट्रेन 4800 लीटर पानी की बचत होगी और 7-8 मिनट में ही ट्रेन की धुलाई हो जाएगी। संयंत्र लगने से महीने में करीब 5 लाख रुपए की बचत होगी। समारोह में अपर मण्डल रेल प्रबंधक संजीव कुमार और अजमेर मण्डल के अन्य शाखा अधिकारी मौजूद थे।
यह है प्रोजेक्ट का उद्देश्य
सिटी स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर आधुनिक स्टेशन के रूप में विकसित करना है। परिकल्पना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समान ही एकीकृत रेलवे स्टेशन के रूप में की गई है। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट का पालन करते हुए स्टेशन को डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा। उसका दायित्व होगा कि स्टेशन का पुनर्विकास और रखरखाव करे। स्टेशन उपयोगकर्ताओं और वाणिज्यिक विकास से कमाई करने का अधिकार होगा।
आंकड़ों में समझें
सिटी स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर आधुनिक स्टेशन के रूप में विकसित करना है। परिकल्पना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समान ही एकीकृत रेलवे स्टेशन के रूप में की गई है। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट का पालन करते हुए स्टेशन को डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा। उसका दायित्व होगा कि स्टेशन का पुनर्विकास और रखरखाव करे। स्टेशन उपयोगकर्ताओं और वाणिज्यिक विकास से कमाई करने का अधिकार होगा।
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49,8115 वर्गमीटर में होगा डवलपमेंट
10,1374 वर्गमीटर में बनेगा स्टेशन एस्टेट 16,465 यात्रियों की आवाजाही प्रतिदिन
50,000 करोड़ कुल निवेश सभी स्टेशनों का
पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएं – स्टेशन की नई बिल्डिंग बनेगी, जिसमें अंडर-ब्रिज से दो तरफा रोड जुड़ेगा
– प्रवेश और निकास की अलग व्यवस्था होगी, हर जगह दिशा ***** लगेंगे
10,1374 वर्गमीटर में बनेगा स्टेशन एस्टेट 16,465 यात्रियों की आवाजाही प्रतिदिन
50,000 करोड़ कुल निवेश सभी स्टेशनों का
पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएं – स्टेशन की नई बिल्डिंग बनेगी, जिसमें अंडर-ब्रिज से दो तरफा रोड जुड़ेगा
– प्रवेश और निकास की अलग व्यवस्था होगी, हर जगह दिशा ***** लगेंगे
– स्टेशन भवन में उदयपुर की स्थापत्य शैली, राजस्थान की विरासत दिखेगी
– यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसा कॉनकोर्स और विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी – बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के बीच बेहतर सड़क संपर्क दिया जाएगा
– स्टेशन से जुड़ी कवर्ड पार्किंग होगी, शेल्टर्ड ड्रॉप-ऑफ जोन होंगे
– यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसा कॉनकोर्स और विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी – बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के बीच बेहतर सड़क संपर्क दिया जाएगा
– स्टेशन से जुड़ी कवर्ड पार्किंग होगी, शेल्टर्ड ड्रॉप-ऑफ जोन होंगे
– दिव्यांगों के लिए सुगम परिसर, जहां हर जगह लिफ्ट सुविधा होगी