उदयपुर

सिटी स्टेशन पुनर्विकास प्रोजेक्ट: पिछड़े उदयपुर को पटरी पर लाने की कवायद

रेलवे मुख्यालय और डीआरएम ने किया दौरा, अगले माह शुरू होगा काम, दो साल में पूरा करने का लक्ष्य, यात्रियों की आवाजाही रोके बगैर काम को लेकर चर्चा, ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का शुभारंभ

उदयपुरNov 24, 2021 / 12:41 pm

Pankaj

सिटी स्टेशन पुनर्विकास प्रोजेक्ट: पिछड़े उदयपुर को पटरी पर लाने की कवायद

उदयपुर. सिटी रेलवे स्टेशन पुनर्विकास प्रोजेक्ट को लेकर पिछड़े उदयपुर को पटरी पर लाने के लिए अफसरों की दौड़भाग शुरू हो गई है। इसी को लेकर रेलवे मुख्यालय और अजमेर मंडल के अधिकारी मंगलवार को उदयपुर स्टेशन पहुंचे। स्थानीय अधिकारियों की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि यात्रियों की आवाजाही रोके बगैर काम कैसे किया जाए। प्रोजेक्ट दो साल में पूरा करने का लक्ष्य भी तय किया गया। काम अगले माह शुरू हो जाएगा।
उदयपुर दौरे के दौरान डीआरएम नवीन कुमार परसुरामका, रेलवे सीनियर डिवीजन सीएमडी विवेक रावत ने प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के साथ ही स्थानीय अधिकारियों से चर्चा की। उद्देश्य प्रोजेक्ट का काम जल्दी शुरू करवाना और स्टेशन की गतिविधियां रोके बगैर काम करना है। प्रोजेक्ट में 132 करोड़ का खर्च और समय सीमा तीन साल निर्धारित की गई थी, लेकिन अब बैठक में चर्चा के अनुसार दो साल में काम पूरा करना बताया गया है। उल्लेखनीय है कि देशभर में 125 रेलवे स्टेशन पुनर्विकसित होंगे, इनमें से 63 स्टेशनों पर आईआरएसडीसी का काम और 60 स्टेशनों पर रेल भूमि विकास प्राधिकरण का काम निर्धारित किया गया।
प्रत्येक ट्रेन की धुलाई में 4800 लीटर पानी बचाएगा रेलवे
डीआरएम परसुरामका ने कोचिंग डिपो में स्वचालित कोच धुलाई संयंत्र (एसीडब्लूपी) ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का शुभारंभ भी किया। स्वचालित कोच धुलाई संयंत्र की स्थापना 1.77 करोड़ की लागत से की गई है। संयंत्र लगने से रेलवे कोचेज की बाहरी धुलाई की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे पानी और मानव श्रम की भी बचत होगी। संयंत्र लगने से प्रति ट्रेन 4800 लीटर पानी की बचत होगी और 7-8 मिनट में ही ट्रेन की धुलाई हो जाएगी। संयंत्र लगने से महीने में करीब 5 लाख रुपए की बचत होगी। समारोह में अपर मण्डल रेल प्रबंधक संजीव कुमार और अजमेर मण्डल के अन्य शाखा अधिकारी मौजूद थे।
यह है प्रोजेक्ट का उद्देश्य
सिटी स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर आधुनिक स्टेशन के रूप में विकसित करना है। परिकल्पना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समान ही एकीकृत रेलवे स्टेशन के रूप में की गई है। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट का पालन करते हुए स्टेशन को डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा। उसका दायित्व होगा कि स्टेशन का पुनर्विकास और रखरखाव करे। स्टेशन उपयोगकर्ताओं और वाणिज्यिक विकास से कमाई करने का अधिकार होगा।
आंकड़ों में समझें
49,8115 वर्गमीटर में होगा डवलपमेंट
10,1374 वर्गमीटर में बनेगा स्टेशन एस्टेट

16,465 यात्रियों की आवाजाही प्रतिदिन
50,000 करोड़ कुल निवेश सभी स्टेशनों का
पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएं

– स्टेशन की नई बिल्डिंग बनेगी, जिसमें अंडर-ब्रिज से दो तरफा रोड जुड़ेगा
– प्रवेश और निकास की अलग व्यवस्था होगी, हर जगह दिशा ***** लगेंगे
– स्टेशन भवन में उदयपुर की स्थापत्य शैली, राजस्थान की विरासत दिखेगी
– यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसा कॉनकोर्स और विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी

– बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के बीच बेहतर सड़क संपर्क दिया जाएगा
– स्टेशन से जुड़ी कवर्ड पार्किंग होगी, शेल्टर्ड ड्रॉप-ऑफ जोन होंगे
– दिव्यांगों के लिए सुगम परिसर, जहां हर जगह लिफ्ट सुविधा होगी
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