ग्रामीण गलियों में एक बात को लेकर और चर्चा बनी हुई है कि स्थानीय प्रयासों और लेागों के विरोध को शांत करने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से भंवरासिया घाटी से मोड़ी तक सड़क बनाई गई। लेकिन, मोड़ी से अडिंदा तक बदहाल सड़क की मरम्मत को लेकर भी किसी स्तर पर जोखिम नहीं उठाया गया। धर्मप्रेमियों की समस्या यह है कि अडिंदा जैन तीर्थ स्थल तक एक रास्ता भटेवर वाया बाठेड़ाखुर्द होकर भी जाता है। दुर्भाग्य ही है कि यह सड़क भी विभागीय अनदेखी का शिकार है। यहां भी सड़क के बीच में एक-एक फीट गहरे गड्ढे बने हुए हैं।
बीते 10 साल से मोड़ी-अडिंदा सड़क की बदहाली बनी हुई है। पूर्व विधायक सहित विभागीय जिम्मेदारों को इस बारे में अवगत कराया, लेकिन अब तक भी किसी जिम्मेदार ने समस्या की सुध नहीं ली।
भंवर सिंह राजपूत, स्थानीय ग्रामीण
खस्ताहाल रोड पर दुर्घटनाओं का पुराना इतिहास है। गड्ढों से वाहन को बचाने के चक्कर में आए दिन दुर्घटनाएं होने का अंदेशा भी बना रहता है। ऐसा लगता ही नहीं है कि हमारा क्षेत्र आजाद भारत का हिस्सा है।
भंवरलाल एवं अन्य स्थानीय ग्रामीण
भंवरासिया घाटी से अंडिंदा और भटेवर से अडिंदा वाया बाठेरड़ा खुर्द दोनों की सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली हुई है, लेकिन बजट के अभाव में संबंधित कार्य कराने में असमर्थ हैं। udaipur road network बजट आते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
अंचल गुप्ता, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी वल्लभनगर