scriptयहां आड़ी-टेढ़ी स्टेयरिंग घुमाओ तब भी लाइसेंस ओके | udaipur transport news | Patrika News

यहां आड़ी-टेढ़ी स्टेयरिंग घुमाओ तब भी लाइसेंस ओके

locationउदयपुरPublished: Nov 15, 2020 12:03:46 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

यहां आड़ी-टेढ़ी स्टेयरिंग घुमाओ तब भी लाइसेंस ओके

Free Driving License

Free Driving License

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए आरएसआरडीसी की ओर से चित्रकूटनगर में भी करीब एक करोड़ की लागत से बनाया गया ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक सिर्फ दिखावे का रह गया। कम्प्यूटरीकरण व ऑटोमेशन सेंसर नहीं होने से हर किसी कि ड्राइविंग ओके होकर लाइसेंस मिल रहा है। हकीकत में परिवहन विभाग अभी सडक़ पर ही वाहन चलाने के आधार पर ही अंदाज से लाइसेंस बना रहा है।
राज्य सरकार ने राज्य में भरतपुर, कोटा, अलवर, चित्तौडगढ़़, दौसा, पाली, सीकर, जयपुर, उदयपुर के प्रादेशिक परिवहन कार्यालय एवं डीडवाना जिला कार्यालय पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक के आदेश दिए थे। उसके बाद उदयपुर में दो वर्ष पहले आरएसआरडीसी ने करीब एक करोड़ की लागत से ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक का निर्माण करवाया। इस कार्य में अब तक एक करोड़ खर्च हो चुके है।

अनट्रेंड का लाइसेंस रोकने के लिए तैयार हुआ था ट्रेक
ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक नहीं बनने से लाइसेंस के लिए जब वाहन चलवाकर देखा जाता है तो इसमें अलग-अलग मार्गों पर वाहन चलाने का चालक को अनुभव है या नहीं इसका पता नहीं लग पाता है। सीधी सामान्य सडक़ पर कोई भी इस परीक्षा को पास कर लेता है। ऐसे में बाद में दुर्घटनाएं होती हैं। कई अनट्रेंड ड्राइवरों को भी लाइसेंस मिल जाता है। इस ट्रेक पर पास होने के बाद ही चालक को लाइसेंस मिल पाएगा लेकिन तकनीकी खामी के चलते ऐसा नहीं हो पाया।

कम्प्यूटर व सेंसर ही नहीं लगे
ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक बनने के बाद चालक वाहन चलाने लायक है या नहीं इसका निर्णय कम्प्यूटर व सेंसर को करना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ट्रेक पर हल्के वाहन के लिए गोलाकार में बनाए गए आठ, दुपहिया वाहन के लिए घुमावदार मोड़ व भारी वाहनों के लिए 4 के आकार का ट्रेक बनाया गया है। मोड़ में घुमाते समय अगर सही स्टेरिंग नहीं घूमी तो सेंसर पर व्हील टच होते ही बिप की आवाज के साथ ही चालक फेल हो जाएगा लेकिन अभी वहां बिप सिस्टम नहीं लग पाया।

सीआईआरटी पूणे के डीपीआर अनुसार ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पूरी तरह से तैयार हो चुका है लेकिन अभी उसने कम्प्यूटर सिस्टम व सेंसर नहीं लग पाए। इंस्पेक्टर को खड़ा होना पड़ रहा है इस कारण पता नहीं चल पा रहा।
डॉ.कल्पना शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो