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शुक्र है शरारतियों से कम ही खुले मदार तालाब के गेट, नहीं तो डूब जाता गांव

locationउदयपुरPublished: May 07, 2020 01:32:02 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

शुक्र है शरारतियों से कम ही खुले मदार तालाब के गेट, नहीं तो डूब जाता गांव

शुक्र है शरारतियों से कम ही खुले मदार तालाब के गेट, नहीं तो डूब जाता गांव

शुक्र है शरारतियों से कम ही खुले मदार तालाब के गेट, नहीं तो डूब जाता गांव

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
फतहसागर झील को भरने वाले छोटा व बड़ा मदार तालाब के रविवार रात अचानक किसी ने गेट खोल दिए। सोमवार सुबह खेत खलिहानों में पानी भरने तथा नहर में आसपास क्षेत्र में पानी व्यर्थ बहने पर ग्रामीणों को इसका पता चला। सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मिट्टी के कट्टे डालकर पानी को रोकते हुए वापस गेट बंद किए। पानी में कई खेतों में मिट्टी का कटाव हो गया। कोरोना काल के समय में पहले से परेशानी झेल रहे लोगों के बीच कतिपय लोगों की इस हरकत को प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया। बडग़ांव उपखंड अधिकारी डॉ.मंजू के आदेश पर ग्राम पंचायत मदार विकास अधिकारी प्रशांत बोहरा ने अम्बामाता थाने में मामला दर्ज करवाया। प्रारंभिक जांच में पड़ोसी गांव के ग्रामीणों की पूर्व में पानी की गई मांग से संभवत: गेट खोलना सामने आ रहा है। पुलिस अभी इस बारे में तफ्तीश में जुटी है।

रबी की फसल दिया था सभी को पानी
ग्राम पंचायत में मदार छोटा तथा मदार बड़ा दो तालाब स्थित है। दोनों ही तालाबों में रबी की फसल की सिंचाई के बाद गेट बंद कर दिए जाते है। बचा पानी मदार व फतहसागर में पीने के पानी के लिए रिजर्व रखा जाता है। रबी फसल की बुवाई तक ग्राम पंचायत ने प्रशासन के सहयोग मार्च माह तक आसपास के सभी गांवों को पानी देने के बाद गेट बंद कर दिए गए थे। लेकिन उसके बावजूद कतिपय लोगों ने रविवार रात को दोनों ही तालाबों के गेट खोल दिए। बड़ा मदार तालाब से काफी मात्रा में पानी खेतों में घुसने के साथ ही काफी व्यर्थ बह गया। खेतों में पानी भरने की सूचना पर नायब तहसीलदार मोहन कुमार, राजस्व अधिकारी गंगाराम मीणा, विकास अधिकारी प्रशांत बोहरा,पूर्व प्रधान स्वयं भू शर्मा, सरपंच लक्ष्मी देवी, वार्ड पंच रमेश डांगी सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।

रात भर व्यर्थ बह गया पानी
ग्रामीणों का कहना था कि दोनों ही तालाब से पानी काफी मात्रा में व्यर्थ बहता हुआ नदी से होकर थूर तक चला गया। अंधेरे में बिना जानकार द्वारा अचानक खोले गए गेट से संयोग से पानी कम ही बाहर निकला संयोग से अगर यह गेट ज्यादा खुल जाते तो निश्चित रूप से गांव में पानी भर जाता। ग्रामीणों ने सुबह अपने स्तर पर मिट्टी के कट्टे डालकर पानी को रोका और उसके बाद गेट बंद किए। अभी भी मौके पर गेट से पानी रिसकर बाहर निकल रहा है।

मदार में दोनों तालाब के रात को किसी ने गेट खोल दिए थे। सूचना पर टीम ने मौका मुआयना किया। विकास अधिकारी ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवाया है।
डॉ.मंजू, आईएएस व उपखंड अधिकारी बडग़ांव
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