उदयपुर

उदयपुर में ये विधवा और बुजुर्ग महिलाएं दो जून की रोटी तक को तरस रही, फिर भी क्यों नहीं पसीज रही पुलिस, देखें वीडियो

उदयपुर. दिल में दबा हुआ दर्द उनकी आंखों से छलकते आंसू बयां कर रहे हैं।

उदयपुरOct 15, 2017 / 10:55 am

Sushil Kumar Singh

उदयपुर . दिल में दबा हुआ दर्द उनकी आंखों से छलकते आंसू बयां कर रहे हैं। आपबीती बताते हुए वह चाहकर भी उनके आंसुओं को रोक नहीं पाती, लेकिन बेसहारा, विधवा और बुजुर्ग महिला के आंसुओं लोगों की नजरों में केाई कीमत नहीं। आलम यह है कि मां और बेसहारा बेटियों की दर्द भरी आवाज को हिरण मगरी थाना पुलिस भी नहीं समझना चाहती। यही कारण है कि अब वह हर उस आदमी से सहयोग की भीख मांग रही हैं, जो उनकी मदद कर सके। ऐसा ही कुछ हाल शांति नगर, सेक्टर-5 निवासी 75 वर्षीय विधवा कमला पत्नी मांगीलाल की है। बेसहारा बेटियों के साथ मेहनत कर दो जून की रोटी का जुगाड़ करने वाले परिवार पर बीते दिनों कुछ ऐसी बीती कि वह भूखे मरने को मजबूर हैं।
 

दो उम्रदराज बेटियों के साथ विधवा बुजुर्ग के घर का सारा सामान अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया। वह भी तब जब लोगों की शिकायत पर हिरण मगरी थाना पुलिस ने इन महिलाओं को पूछताछ के लिए बुलाया था। वर्षों से खून पसीने की कमाई से जोड़ी गई गृहस्थी का सामान उनके पीछे से चोरी होने के बाद अब इन महिलाओं की हालत एक बार फिर फकीरी वाली हो गई है। आलत यहां तक है कि उनके घर में रोटी बनाने और खाने के लिए बर्तन तक नहीं बचे हैं।
 

READ MORE: उदयपुर के इस अस्पताल में हो रहा था क्रिटिकल ऑपरेशन और मरीज करता रहा डॉक्टर से बात

 

दूसरी ओर पुलिस है कि उनकी परेशानी सुनने की बजाय ऐसे लोगों के कहने में चल रही है, जो गरीबी से परेशान महिलाओं को मोहल्ले से बाहर भगाने पर आमादा हैं। पता ही नहीं चला, सब साफ पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में कमला और उसकी पुत्रियों ने बताया कि 13 अक्टूबर की सुबह 10 बजे वह दीपावली से पहले साफ-सफाई कर रहे थे। इस दौरान घर का सामान बाहर निकाल कर रखा था। तभी स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने परेशान करने की नीयत से पुलिस को फोन कर दिया।
 

थाना पुलिस के वाहन से आए जवानों ने बिना कोई बातचीत किए उनको घसीटते हुए वाहन में चढ़ा दिया। साथ ही थाने ले जाकर झूठे मामले में फांसने के लिए धमकाया। इस बीच पीछे से घर के बाहर रखा हुआ सामान अज्ञात व्यक्ति नंबर शुदा वाहन से उनके घर का सारा सामान उठा ले गया। उनकी गरीबी का हर स्तर पर मजाक बनाया जा रहा है। मामले में पुलिस अधीक्षक की ओर से भी उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन हकीकत यह है त्योहार से पहले उनके घर पर अब दो जून की रोटी का इंतजाम ही खत्म हो गया है।
 

शिकायत पर बुलाया

स्थानीय लोगों की शिकायत पर महिलाओं को थाने बुलाया था। महिलाएं गरीब तबके की हैं। इसलिए उन्हें समझा बुझा कर भेज दिया है। पीछे से उनका सामान चोरी होने की जानकारी नहीं है। ऐसा है तो पीडि़ताओं को थाने में आकर शिकायत करनी चाहिए।
संजीव स्वामी, थाना प्रभारी, हिरण मगरी
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.