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सुखाडिय़ा विवि की हर पीएचडी ‘शोध गंगा’ पर, प्लेजरिजम पर जा सकती है पीएचडी गाइड की नौकरी

locationउदयपुरPublished: Feb 20, 2019 06:34:28 pm

Submitted by:

madhulika singh

– प्लेजरिजम पर यूजीसी हुआ सख्त, बनाएं नए नियम

भुवनेश पण्ड्या/उदयपुर. शोध में साहित्य की चोरी यानी प्लेजरिजम पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अब नियमों का शिंकजा कसा है। थीसिस में प्लेजरिजम मिल जाने पर गाइड यानी शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ सकता है। नियमों के मद्देनजर सुखाडिय़ा विवि की ओर से सभी शोधार्थी का पूरा शोध कार्य अब शोध गंगा वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रिसर्च पेपर में साहित्यिक चोरी यानी प्लेजरिजम पर यूजीसी के नए नियमों को मंजूरी दे दी है। नियमानुसार यदि कोई शोधार्थी रिसर्च में प्लेजरिजम का दोषी पाया जाता है तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और अध्यापकों की नौकरी तक जा सकती है। मंत्रालय ने उच्चतर शिक्षा संस्थानों में अकादमिक सत्यनिष्ठा और साहित्य चोरी की रोकथाम को प्रोत्साहन विनियम 2018 को अधिसूचित करते हुए प्लेजरिजम के लिए दंड का प्रावधान किया है। किसी भी पीएचडी थीसिस का कोई अन्य अपनी थीसिस को पूरा करने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
निजी विवि में कोई मापदण्ड नहीं थे
प्राइवेट व निजी विवि में पीएचडी को लेकर कोई मापदण्ड नहीं होने के कारण पीएचडी का कॉपी होना आमबात थी। कई ऐसे लोगों की भी पीएचडी को स्वीकृति जारी हो गई जो उस विषय की अधूरी दक्षता भी नहीं रखते।
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प्रति वर्ष 300 पीएचडी
सुखाडिय़ा विवि से गत एक दशक से प्रतिवर्ष करीब 300 पीएचडी धारक निकल रहे हैं। हर शोध का हर पन्ना शोध गंगा वेबसाइट पर शोधार्थी के नाम से डाला जा रहा है ताकि केन्द्र सरकार की इस साइट के माध्यम से पारदर्शिता बनी रहेगी। कोई भी व्यक्ति कभी भी कही से भी इसे देख सकता है।
सुधार की दिशा में नया कदम
थीसिस को कॉपी करने वाली कई घटनाएं सामने आ रही थी, इसलिए ये नियम लाए गए हैं। इसमें इस बार शोधार्थी से कड़ी सजा सुपरवाइजर के लिए है, उसकी नौकरी जा सकती है। सुधार की दिशा में नया कदम है। – जी सोरल, डीन पीजी, मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि उदयपुर
प्लेजरिजम के चार लेवल शोधार्थी :
– 10 प्रतिशत तक प्लेजरिजम पर किसी दंड का प्रावधान नहीं है।
– 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच प्लेजरिजम पाने पर छह महीने के भीतर संशोधित शोधपत्र पेश करना होगा।
– 40 से 60 प्रतिशत समानताएं मिलने पर छात्रों को एक साल के लिए संशोधित पेपर जमा करने से रोक दिया जाएगा।
– इससे अधिक समानता के मामले में पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
अध्यापक:
– शोध में दस से चालीस प्रतिशत समानता पर स्क्रिप्ट वापस लेने को कहा जाएगा।
-40 से 60 प्रतिशत समानता पर 3 वर्ष की अवधि के लिए पीएचडी छात्र का सुपरविजन करने से रोक दिया जाएगा और दो वार्षिक वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित किया जाएगा।
-साठ प्रतिशत से अधिक समानता पर उनके खिलाफ निलंबन या सेवा समाप्ति का भी कदम उठाया जा सकता है।
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