निजी विवि में कोई मापदण्ड नहीं थे
प्राइवेट व निजी विवि में पीएचडी को लेकर कोई मापदण्ड नहीं होने के कारण पीएचडी का कॉपी होना आमबात थी। कई ऐसे लोगों की भी पीएचडी को स्वीकृति जारी हो गई जो उस विषय की अधूरी दक्षता भी नहीं रखते।
प्राइवेट व निजी विवि में पीएचडी को लेकर कोई मापदण्ड नहीं होने के कारण पीएचडी का कॉपी होना आमबात थी। कई ऐसे लोगों की भी पीएचडी को स्वीकृति जारी हो गई जो उस विषय की अधूरी दक्षता भी नहीं रखते।
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सुखाडिय़ा विवि से गत एक दशक से प्रतिवर्ष करीब 300 पीएचडी धारक निकल रहे हैं। हर शोध का हर पन्ना शोध गंगा वेबसाइट पर शोधार्थी के नाम से डाला जा रहा है ताकि केन्द्र सरकार की इस साइट के माध्यम से पारदर्शिता बनी रहेगी। कोई भी व्यक्ति कभी भी कही से भी इसे देख सकता है।
सुखाडिय़ा विवि से गत एक दशक से प्रतिवर्ष करीब 300 पीएचडी धारक निकल रहे हैं। हर शोध का हर पन्ना शोध गंगा वेबसाइट पर शोधार्थी के नाम से डाला जा रहा है ताकि केन्द्र सरकार की इस साइट के माध्यम से पारदर्शिता बनी रहेगी। कोई भी व्यक्ति कभी भी कही से भी इसे देख सकता है।
सुधार की दिशा में नया कदम
थीसिस को कॉपी करने वाली कई घटनाएं सामने आ रही थी, इसलिए ये नियम लाए गए हैं। इसमें इस बार शोधार्थी से कड़ी सजा सुपरवाइजर के लिए है, उसकी नौकरी जा सकती है। सुधार की दिशा में नया कदम है। – जी सोरल, डीन पीजी, मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि उदयपुर
थीसिस को कॉपी करने वाली कई घटनाएं सामने आ रही थी, इसलिए ये नियम लाए गए हैं। इसमें इस बार शोधार्थी से कड़ी सजा सुपरवाइजर के लिए है, उसकी नौकरी जा सकती है। सुधार की दिशा में नया कदम है। – जी सोरल, डीन पीजी, मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि उदयपुर
प्लेजरिजम के चार लेवल शोधार्थी :
– 10 प्रतिशत तक प्लेजरिजम पर किसी दंड का प्रावधान नहीं है।
– 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच प्लेजरिजम पाने पर छह महीने के भीतर संशोधित शोधपत्र पेश करना होगा।
– 40 से 60 प्रतिशत समानताएं मिलने पर छात्रों को एक साल के लिए संशोधित पेपर जमा करने से रोक दिया जाएगा।
– इससे अधिक समानता के मामले में पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
अध्यापक:
– शोध में दस से चालीस प्रतिशत समानता पर स्क्रिप्ट वापस लेने को कहा जाएगा।
-40 से 60 प्रतिशत समानता पर 3 वर्ष की अवधि के लिए पीएचडी छात्र का सुपरविजन करने से रोक दिया जाएगा और दो वार्षिक वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित किया जाएगा।
-साठ प्रतिशत से अधिक समानता पर उनके खिलाफ निलंबन या सेवा समाप्ति का भी कदम उठाया जा सकता है।
– 10 प्रतिशत तक प्लेजरिजम पर किसी दंड का प्रावधान नहीं है।
– 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच प्लेजरिजम पाने पर छह महीने के भीतर संशोधित शोधपत्र पेश करना होगा।
– 40 से 60 प्रतिशत समानताएं मिलने पर छात्रों को एक साल के लिए संशोधित पेपर जमा करने से रोक दिया जाएगा।
– इससे अधिक समानता के मामले में पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
अध्यापक:
– शोध में दस से चालीस प्रतिशत समानता पर स्क्रिप्ट वापस लेने को कहा जाएगा।
-40 से 60 प्रतिशत समानता पर 3 वर्ष की अवधि के लिए पीएचडी छात्र का सुपरविजन करने से रोक दिया जाएगा और दो वार्षिक वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित किया जाएगा।
-साठ प्रतिशत से अधिक समानता पर उनके खिलाफ निलंबन या सेवा समाप्ति का भी कदम उठाया जा सकता है।