scriptनियमों से बेखबर, लॉ कॉलेजों ने रोके दाखिले | Unaware of the rules, law colleges stopped admissions | Patrika News

नियमों से बेखबर, लॉ कॉलेजों ने रोके दाखिले

locationउदयपुरPublished: Aug 07, 2020 08:37:41 am

Submitted by:

jitendra paliwal

मौजूदा सत्र से ही लेनी होगी डॉ. अम्बेडकर विवि से सम्बद्धता, चालू स्थिति में आने तक राजस्थान विश्वविद्यालय, एक्ट के नियम होंगे लागू

नियमों से बेखबर, लॉ कॉलेजों ने रोके दाखिले

नियमों से बेखबर, लॉ कॉलेजों ने रोके दाखिले

उदयपुर. राज्य में लीगल एजुकेशन की गुणवत्ता सुधार के लिए खोले गए डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर से सम्बद्धता को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं होने से निजी और सरकारी विवि महाविद्यालयों ने दाखिले देने से हाथ खींच लिए हैं। राज्य में 88 सरकारी और निजी लॉ कॉलेज अलग-अलग विश्वविद्यालयों के एफिलेशन पर चल रहे हैं।
करीब दो साल पहले खुले राज्य के पहले विधि विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लेने के आदेश गत 22 जुलाई को ही राज्य सरकार ने जारी किए थे, जिसके बाद लॉ कॉलेज प्रबंधन असमंजस में पड़े हुए हैं। कुछ कॉलेज प्रबंधकों ने बताया कि सम्बद्धता से जुड़ी कई अड़चनें हैं, जिन्हें लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही हैं। डॉ. अम्बेडकर विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर भी सम्बद्धता से सम्बंधित जानकारी नहीं है। एफिलेशन की स्पष्ट प्रक्रिया जारी होने तक उन्होंने खुद ही दाखिलों पर अघोषित रोक लगा दी है।
– कॉलेजों की यह है मुश्किल
1. बार कौंसिल इण्डिया से जो विवि अनुमत नहीं है, ऐसे में कोई वैधता का सवाल उठने पर कॉलेजों के सामने दिक्कत आ सकती है।
2. नए विवि से जुडऩे पर एफिलेशन, माइग्रेशन, प्रवेश प्रक्रिया और एकेडमिक कार्यों के लिए उनका पूरा सिस्टम बदल जाएगा। विद्यार्थियों को भी जयपुर तक दौड़-भाग करनी होगी।
3. ताजा सत्र में प्रवेश ले रहे विद्यार्थियों को अभी यह जानकारी नहीं है कि एफिलेशन अब अम्बेडकर विश्वविद्यालय से होगा। उनके सवालों का जवाब देना मुश्किल होगा।
4. हर तीन साल में 31 दिसम्बर तक सम्बद्धता प्रकिया हो जाती है। इस बार जुलाई में प्रवेश के समय व्यवस्था बदल दी। विद्यार्थियों को एडमिशन सुखाडिय़ा विवि के नाम से दे रहे हैं, सम्बद्धता डॉ. भीमराव अम्बेडकर विवि की रहेगी।
5. कॉलेजों को अम्बेडकर विवि के वार्षिक या सेमेस्टर सिस्टम से पाठ्यक्रम व परीक्षा पैटर्न की कोई जानकारी ही नहीं है।
—फैक्ट फाइल—
88 लॉ कॉलेज हैं राज्य में, 15 सरकारी व 73 निजी क्षेत्र के हैं
8 लॉ कॉलेज हैं सम्भाग में, उदयपुर शहर में 2, चित्तौडग़ढ़ में 2, राजसमंद में 2, सिरोही में 1, बांसवाड़़ा में 1
4000 हजार सीटें हैं अनुमानित सम्भाग के सभी कॉलेजों में एलएलबी, एलएलएम और बीएएलएलबी पाठ्यक्रमों की

कुलपति बोले- सरकार ने कानून बना विवि खोला है, सम्बद्धता तो लेनी होगी
कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने कहा कि राज्य में विधिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य विधानसभा से पारित एक्ट के तहत राज्य सरकार ने इसकी स्थापना की है। सभी विधि महाविद्यालय इसके दायरे में आएंगे। सत्र 2020-21 में व आगे के वर्षों के लिए विधि विवि से ही सम्बद्धता लेनी पड़ेगी। सत्र 19-20 तक प्रवेशित हुए हैं, उनके परीक्षा व पाठ्यक्रम पुराने विवि ही देंगे। सरकार के आदेश के तहत ही हम आगे की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। सभी कॉलेजों से सॉफ्टवेयर के तहत जरूरी सूचनाएं मंगवाएंगे। जरूरी निर्देश जल्द जारी करेंगे। अभी राजस्थान विवि की प्रक्रिया के आधार पर प्रवेश और अन्य प्रक्रियाओं का संचालन होगा, जब तक कि विधि विवि पूरी तरह से ऑटो मोड में नहीं आ जाता। एकदम से कोई अव्यवस्था नहीं होगी। अगले वर्ष से हम प्रक्रियाओं में और सुधार करेंगे। जहां तक बीसीआई से मान्यता की बात है, यह संस्था अकादमिक स्तर को बनाए रखने के लिए है। विवि के अपने एकेडमिक प्रोग्राम शुरू करने के बाद बीसीआई की टीम दौरा करेगी तथा मान्यता की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
—–
प्रयास तो अच्छा है, लेकिन विधि विवि में कुलपति की कथित विवादास्पद नियुक्ति, बीसीआइ से मान्यता जैसे मुद्दे भी देखने होंगे। बीसीआइ के तीन सदस्य, हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज, दो प्रोफेसर बाकायदा निरीक्षण करते हैं, फिर मान्यता मिलती है। लीगल एजुकेशन कमेटी अलग से बनी हुई है। उसमें भी यह मामला जाएगा, जहां विचार के बाद ही निर्णय होगा।
सुरेश श्रीमाली, को-चेयरमैन, बार कौंसिल ऑफ इण्डिया
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो