घटना तहसील क्षेत्र के धारोद गांव में शनिवार तड़के हुई। गांव का चमना पुत्र रूपा मीणा खेत पर बैल बांधने गया था। झाडिय़ों से महीन आवाज सुनकर वह ठिठक गया। वह रुलाई सुनकर झाड़ी के पास पहुंचा तो कपड़ा का थैला दिखा। उस पर पत्थर रखा था। थैले से रह-रहकर आवाज आ रही थी। थैले में नवजात को पाकर उसने तुरंत ग्रामीणों को बुलाया। सूचना पर पत्रिका संवाददाता भी पहुंचा। उसने पुलिस व चिकित्सकों से सम्पर्क साधा। जवाब मिला, बच्ची जिन्दा है तो तुरन्त स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाएं। एक ग्रामीण को साथ ले संवाददाता नवजात को सलूंबर के राजकीय सामान्य चिकित्सालय ले आया। यहां चिकित्सकों व स्टाफ ने संभाला। सहायक उप निरीक्षक शैतानसिंह भी पुलिस जाप्ता लेकर आए।
डॉ. राजेश दोशी ने बताया कि बालिका का जन्म तीन दिन पहले हुआ है। सिर में मामूली चोट है, पर पूरी तरह ठीक है। उसकी देखभाल और फीडिंग शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि नवजात को बालगृह के प्रतिनिधियों की संरक्षा में सौंप दिया गया है।
शुरू की परिजन की तलाश नवजात के परिजनों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि बच्ची का जन्म सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में हुआ। उसके शरीर पर जो कपड़े हैं, वैसे जन्म के बाद स्वास्थ्य केन्द्र से मिलते हैं। नाभि के पास क्लिप भी लगा है, जो स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव पर लगता है।