video: कभी हवेलियों की शान रही अनूठी कला अब बढ़ा रही ड्राइंग रूम की शोभा, आप भी देखेंगे तो हो जाएंगे कायल
उदयपुरPublished: Oct 31, 2017 06:59:53 pm
पेंटिंग्स, कंसोल, मिरर फ्रेम्स, डेकोरेटिव फर्नीचर्स की डिमांड, बढ़ती मांग के बीच कुशल कारीगरों की कमी तकलीफदेह
उदयपुर . एक समय में राजे-रजवाड़ों के महलों और हवेलियों तक सीमित ग्लास इनलेवर आर्ट कालान्तर में मंदिरों से गुजरती होटल-रेस्टोरेंट-रिसोर्ट और शौकीन लोगों के घरों व दफ्तरों तक भी पहुंच गई। बेशक, राज प्रासादों में इस कला के जरिए साज-सज्जा करने वाले कारीगर कमोबेश पारंगत रहे होंगे और उनकी संख्या भी अधिक रहा करती होगी। तभी तो उस दौर के अनेक स्मारक और उनके अवशेष आज भी उस कला की गवाही देते देखे जा सकते हैं। पर्यटन नगरी में भी पिछले सात दशक से एक परिवार की तीन पीढि़यां अकेले दम इस पारम्परिक कला की बदौलत इस देश की ख्याति दुनिया के अनेक देशों तक पहुंचा चुकी है।