अग्नि को साक्षी मान जिसके साथ जीने और मरने की कसमें खाई, वह दुनिया से रुखसत हुई तो खुद भी जी न सका। यह वाकया उदयपुर में करीब 12 दिन पहले हुआ, जब दो दिन के अंतराल में पत्नी के बाद पति की भी मृत्यु हो गई। घटना शहर से सटे बेदला खुर्द गांव के प्रजापत परिवार की है।
उदयपुर•Jun 22, 2023 / 03:06 pm•
Amit Vajpayee
अग्नि को साक्षी मान जिसके साथ जीने और मरने की कसमें खाई, वह दुनिया से रुखसत हुई तो खुद भी जी न सका। यह वाकया उदयपुर में करीब 12 दिन पहले हुआ, जब दो दिन के अंतराल में पत्नी के बाद पति की भी मृत्यु हो गई। घटना शहर से सटे बेदला खुर्द गांव के प्रजापत परिवार की है। यहां सुखदेवी माता रोड निवासी भोलीराम प्रजापत की पत्नी अंबाबाई (58) का गत 8 जून को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
पत्नी से बेहद प्रेम रखने वाले भोलीराम (62) इस सदमे को सह नहीं पाए और एक दिन बाद हृदयघात से उनकी भी मृत्यु हो गई। अंबाबाई लंबे समय से अस्वस्थ थीं। छत से गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। उसके बाद शरीर लकवाग्रस्त हो गया और बिस्तर में ही रही। पति ने करीब आठ साल तक बीमार पत्नी की खूब सेवा की।
Hindi News / Udaipur / अनूठा प्रेम: बीमार पत्नी की 8 साल की सेवा, उसके दुनिया से जाते ही खुद भी जी न सका