मामला बाघपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का है, जो दो अलग-अलग भवनों में संचालित हो रहा है। कक्षा एक से 5वीं तक एक परिसर तो कक्षा ६ से १२वीं तक राउमावि परिसर है। नियमानुसार हाजरी रजिस्टर राउमावि मुख्य परिसर में रहते हैं, जो प्रतिदिन माध्यमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय तक पहुंचाए जाते हैं। यह काम कक्षा १ में अध्ययनरत दिव्यांग बालिका लीला मराला से मंगवाए जाते हैं। जो काम चतुर्थश्रेणी कर्मचारी का है, वह दिव्यांग बालिका कर रही है। बालिका से इस विषय में पूछा गया तो बताया कि उसकी मेडम ने हाजरी मंगवाई है।
रोजाना हाजरी रजिस्टर विद्यार्थियों से मंगवाए जाते हैं। सफाई भी विद्यार्थियों से ही कराई जा रही हैं। मैंने कई बार इस स्थिति का विरोध किया, लेकिन सुधार नहीं किया गया। बीच में आम रास्ता है, कभी बच्चों के साथ बड़ा हादसा हो सकता है।
जीवतराम, समाजसेवी, बाघपुरा
पारिवारिक परेशानी के कारण मैं दो दिन से छुïट्ïटी पर हूं। सरपंच ने भी मुझे इसकी जानकारी दी है। मैं लौटते ही जानकारी लेकर कार्रवाई करूंगा।
शंकरलाल बारबर, पीईओ, बाघपुरा मामला मेरी जानकारी में नहीं है। बच्चों से रजिस्टर मंगवाना अनुचित है। ऐसा है तो प्राचार्य से बातकर स्टाफ को उमावि परिसर में ही हस्ताक्षर करने के लिए पाबन्द कराया जाएगा।
पारिवारिक परेशानी के कारण मैं दो दिन से छुïट्ïटी पर हूं। सरपंच ने भी मुझे इसकी जानकारी दी है। मैं लौटते ही जानकारी लेकर कार्रवाई करूंगा।
शंकरलाल बारबर, पीईओ, बाघपुरा मामला मेरी जानकारी में नहीं है। बच्चों से रजिस्टर मंगवाना अनुचित है। ऐसा है तो प्राचार्य से बातकर स्टाफ को उमावि परिसर में ही हस्ताक्षर करने के लिए पाबन्द कराया जाएगा।
पन्नालाल मेघवाल, सीबीईओ, झाड़ोल