—- पसंद आया बजट: उन्होंने कहा कि हम बजट देने के बाद लोगों के बीच गए, पिछली बार भी हमने बजट दिया था तब आमजन से लेकर व्यापारियों और उद्यमियों से हमने मुलाकात की। इस बार के बजट की जो सराहना हो रही है, इसका सबसे बड़ा कारण ये ही है कि हम लोगों से सुझाव लेने के बाद इसे लाए हैं। भारत ११ वे नम्बर की अर्थव्यवस्था थी, जो अब पांचवें नम्बर की हो चुकी है। पिछले वर्ष आईएमएफ, आरबीआई और इकॉनोमिक सर्वे ने कहा है कि अगले वर्ष २०२०-२१ के वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था ६ और साढे़ छह फीसदी की दर से बढ़ रही है, यह एक संकेत ही है कि दुनिया का विश्वास भारत में है। मेक्रो इकॉनोमिक इंडिकेटर देखे तो हम इसमें सही दिशा में बढ़ रहे हैं। हमारे विदेशी रिजर्व सर्वाधिक हैं। २०१४ से १९ तक साढे सात फीसदी की विकास दर औसतन रही है। मोदी सरकार ने फिजिकल डेफ्जिट कम किया है और कम कर रहे है। १०३ लाख करोड़ रुपया देश की आधार व्यवस्था पर भारत सरकार खर्च करने जा रही है। व्यक्तिगत करदाता व कॉरपोरेट कर चुकाने वालों को कर में राहत दी है, ताकि उन्हें राहत मिल सके। नए उद्योग, मेन्यूफेक्चरिंग यूनिट जो लगेंगे उन्हें ३० की बजाय केवल १५ प्रतिशत टेक्स ही देना होगा। हमारे प्रयास है कि भारत पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाएंगे। उन्होंने व्यापारियों और स्टार्टअप का आभार जताया कि उन्होंने यहां तक हमें पहुंचाने में वे सभी साथ रहे हैं। उन्होंने एक मध्यप्रदेश में नसबंदी को लेकर जारी आदेश के सवाल पर जवाब दिया कि वे संजय गांधी के पूर्व सहयोगी रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है। दिल्ली चुनाव हारने को लेकर कहा कि राज्य के चुनाव अलग होते है, एजेंडा अलग होता है।