दुष्कर्म के आरोपित वनकर्मी को 10 वर्ष का कारावास
उदयपुरPublished: Aug 14, 2015 11:44:00 pm
नाबालिग से
दुष्कर्म के आरोपी वनकर्मी को न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास व आठ हजार रूपए
जुर्माने की सजा सुनाई। गत 20 सितम्बर 2012 को खेरोदा
उदयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी वनकर्मी को न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास व आठ हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। गत 20 सितम्बर 2012 को खेरोदा थाने में एक नाबालिग के पिता ने वनकर्मी खेरोदा निवासी लालूराम मीणा के विरूद्ध पुत्री से दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। परिवादी का कहना था कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत पर गया था। पीछे से पुत्री अकेली थी। आरोपी उसे दुगुनी मजदूरी में जंगलात की भूमि पर काम करने के बहाने ले गया। वहां उसने कई बार दुष्कर्म किया। पीडिता के घर नहीं लौटने पर परिजन तलाशते हुए वनक्षेत्र में पहुंचे तो आरोपित वहां से भाग छूटा।
पुलिस ने पीडिता के बयानों पर मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया। आरोप पत्र पेश होने पर अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता रामकृपा शर्मा ने साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (महिला उत्पीड़न प्रकरण) के पीठासीन अधिकारी ने आरोपित लालूराम को धारा 376 में 10 वर्ष के कठोर कारावास, पांच हजार रूपए, धारा 363 में पांच वर्ष के कठोर कारावास एवं तीन हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
पुनर्वास के लिए प्रतिकर की अनुशंषा
पीठासीन अधिकारी ने फैसले में लिखा कि आरोपित वन विभाग का कर्मचारी व तीन बच्चों का पिता है। नाबालिग से दुष्कर्म कर उसकी मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक स्थिति को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई नामुमकिन है। पीडिता के पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद राजस्थान पीडित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत की जाए तो पीडिता एवं उसके परिवार का भविष्य सुधारने में मदद मिल सकती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजस्थान पीडित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत पीडिता को कोई प्रतिकर विधि के तहत दिया जा सकता हो, तो इस पर विचार करे।