मामले में राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संयुक्त सचिव डॉ. फिरोज अख्तर ने गत 29 अप्रेल को कुलसचिव सीआर देवासी को पत्र भेजकर तत्काल चार्जशीट देकर नियमानुसार कार्रवाई को कहा है। —— पत्र में यह है उल्लेख- सुविवि कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह को प्रेषित विभागीय पत्रों में गुरुकुल शिक्षण संस्थान सीकर के प्रकरण में निलम्बित प्रो. राठौड़ को निलम्बित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा गया था। गुरुकुल विवि की स्थापना संबंधी प्रकरण में संस्था द्वारा प्रस्तुत अनुपालना रिपोर्ट के सत्यापन के लिए गठित प्रो. अमेरिका सिंह की समिति के सदस्य के रूप में प्रो. जीएस राठौड़ द्वारा सरकार को असत्य व भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जांच के लिए संभागीय आयुक्त जयपुर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई, इसमें प्रो. राठौड़ को सुनवाई का अवसर दिया गया। प्रो. राठौड़ ने सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसरण में अपने कर्त्तव्यों की पालना में गंभीर लापरवाही बरती, उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा व सत्यनिष्ठा संदेहास्पद दर्शित होती है। प्रो. राठौड़ ने परकीय विचारों से उत्प्रेरित होकर गुरुकुल शिक्षण संस्थान के साथ सांठ-गांठ में सदोष लाभ पहुंचाने की बदनीयत से राज्य सरकार द्वारा गठित सत्यापन समिति की सदस्यता का दुरुपयोग किया। सही तथ्यों को छिपाकर कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर मिथ्या रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की थी।
जांच समिति की रिपाेर्ट से सहमत होकर सरकार ने सक्षम स्तर से निर्णय के बाद 8 अप्रेल, 22 को विवि को निर्देशित किया कि राठौड़ को निलम्बित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। इस पर 14 अप्रेल को राठौड़ को निलम्बित कर दिया था, लेकिन विवि स्तर पर चार्जशीट दी जाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना शेष है।—–
जयपुर में हुई है एफआईआरउल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में प्रो. जीएस राठौड़ व अन्य के खिलाफ गत 19 अप्रेल को जयपुर के अशोकनगर थाने में धारा 166, 167, 420, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में जांच जारी है।
—— तत्काल कार्रवाई कर सरकार को अवगत कराएं संभागीय आयुक्त से प्राप्त जांच रिपोर्ट 1 अप्रेल, 22 की प्रति, दर्ज प्रकरण व प्रो. जीएस राठौड़ को आरोप पत्र देने के बिन्दु संलग्न कर विवि अधिनियम व इसके तहत बने परिनियमों, ऑर्डिनेंसेज, सेवा नियमों के मेजर पैनल्टीज संबंधी प्रावधानों व स्टेटयूट 50 क्लाॅज 73 (4 से 7) व यूनिवर्सिटी ऑफ उदयपुर टीचर्स (कंडीशन ऑफ सर्विस) रूल्स 1976 के क्लॉज 83 (4 से 7) व अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत नियमानुसार अविलम्ब जरूरी कार्रवाई करते हुए प्रो. राठौड़ को चार्जशीट देकर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सरकार को अवगत करवाएं।——
कोर्ट में स्टे लेने में कर सकते हैं इस ढिलाई का उपयोगजो देरी विवि स्तर पर हो रही है उसका फायदा प्रो. राठौड़ कोर्ट में स्टे के लिए कर सकते हैं, इसके बाद भी कुलपति प्रो. राठौड़ को चार्जशीट नहीं दे रहे हैं, इससे पहले भी कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने राठौड़ को निलम्बित करने में देरी की थी। गौरतलब है कि कुलपति कई दिनों से अवकाश पर चल रहे हैं, लेकिन वह नियमित पत्र व्यवहार भी कर रहे हैं।
—— इनका कहना है कुलपति ने राज्य सरकार की ओर से की गई जांच के अनुसरण में प्रो. जीएस राठौड़ को निलम्बित तो कर दिया है लेकिन, विवि स्तर पर जांच जो विचाराधीन है, उसमें चार्जशीट देने के निर्देश है। इसके लिए पत्रावली कुलपति को अनुमोदन के लिए भेज रखी है लेकिन, वहां से इस पर निर्णय अटका हुआ है।प्रो. सीआर देवासी, रजिस्ट्रार, सुविवि
—- यह नीतिगत निर्णय है मैं नहीं कर सकता ये नीतिगत निर्णय है, मैं प्रो राठौड़ को चार्जशीट नहीं दे सकता, ये तो केवल कुलपति ही दे सकते हैं। प्रो सीआर सुथार, कार्यवाहक कुलपति
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