नए पाठ्यक्रम के लिए विद्यापीठ के प्रताप नगर परिसर में इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल सेंटर स्थापित किया गया है। सेंटर में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक होटल लैब, कैटरिंग और इंजीनियरिंग क्षेत्र के प्रशिक्षण के लिए वर्कशॉप लैब भी स्थापित की गई है। 36 महीने के बी-वॉक कोर्स में विद्यार्थी 17 महीने के प्रशिक्षण के दौरान वेतन भी प्राप्त कर सकेंगे। बी वॉक कोर्स करने के बाद विद्यार्थियों के रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
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अंग्रेजी और फ्रेंच भी सीख सकेंगे कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने बताया कि बी-वॉक डयूल सर्टिफिकेशन कोर्स है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर की इंडस्ट्री सिमूलेटेड प्रयोगशालाओं में एक ही कोर्स में मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान विद्यार्थी 40 हजार रुपए तक कमा सकेंगे। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और ट्यूरिज्म एंड हॉस्पिटिलिटी सेक्टर स्किल की ओर से बी-वॉक के विद्यार्थियों को 4 प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। प्रमाण पत्र एनएसक्यूएफ लेवल 4 से 7 तक के होंगे।
एनएसक्यूएफ लेवल 7 को कौशल क्षेत्र में डिग्री के समकक्ष मान्यता है। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क पर आधारित पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों को विदेशों में भी रोजगार मिल सकेगा। पाठ्यक्रम के साथ विद्यार्थियों को अंग्रेजी और फ्रेंच का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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मिलेगी स्कॉलरशिप रजिस्ट्रार प्रो. मुक्ता शर्मा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। स्किल इंक के विश्वभूषण ने कहा कि इस्टीट्यूट ऑन रोल प्लेसमेंट भी विद्यार्थियों का सहयोग करेगा।