उसमें उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्राधिकार में जो भी स्वीकृत आवासीय, वाणिज्यक बहुमंजिला इमारतें है उसमें पार्किंग का उपयोग उसी रूप में किया जाना आवश्यक है लेकिन किसी ने ऐसा नहीं कर रखा है, पार्किंग क्षेत्र के विरुद्ध अन्य उपयोग किया जा रहा है तो वे संभल जाए। — मान जाए नहीं तो भवन सीज कर देंगे सिहाग ने 2 नवंबर 2017 तक तुरंत प्रभाव से ऐसी गतिविधियां बंद करने और पूर्व की तरह ही पार्किंग व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने चेताया कि इसकी पालना नहीं करने वालों के खिलाफ निगम की ओर से नियमानुसार भवन सीज करने की कार्रवाई की जाएगी और उसका जिम्मेदार स्वयं मालिक होगा।
READ MORE: PICS: Water Rescue Demo: अचानक युवक डूबने लगा तो टीम एक साथ कूद पड़ी, बचाया और फिर खोला ये राज, देखें तस्वीरें- हम ध्वस्त भी करेंगे और खर्चा भी लेंगे प्रन्यास सचिव रामनिवास मेहता ने यूआईटी क्षेत्र में ऐसे व्यक्तियों, फर्मों, संस्थाओं को चेताया जिन्होंने अपने वाणिज्यक भवनों व आवासीय फ्लेट्स की निर्धारित पार्किंग स्थान पर अतिक्रमण कर रखा है तो वे हटा दे। मेहता ने इसके लिए 25 अक्टूबर 2017 का समय देते हुए कहा कि अन्यथा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना व जनहित में ऐसा अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया जाएगा और उसका हर्जा-खर्चा भी अतिक्रमी से वसूला जाएगा।
कम्पलीशन सर्टिफिकेट के बिना कोई गतिविधियां नहीं हो हाईकोर्ट के आदेश के तहत ही निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि शहर में १५ मीटर से ऊंची आवासीय व व्यवसायिक बहुमंजिला इमारतों में कम्पलीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बिना कम्पलीशन सर्टिफिकेट लिए किसी भी ऐसी बहुमंजिला इमारतों में वाणिज्यक या आवासीय गतिविधियां संचालित नहीं करें। साथ ही नागरिक ऐसी इमारतों में कम्पलीशन सर्टिफिकेट देखकर ही किसी भी प्रकार की कोई सम्पत्ति खरीदे, बाद में कोई कारर्वाई की जाएगी तो ऐसे में मालिक ही जिम्मेदार रहेंगे।