चारों ने दम तोड़ दिया। विनोद शर्मा पंडित होकर निजी स्कूल में प्रिंसिपल भी बताए गए है। चाचा हमें बचा लो
परिवार के सभी सदस्य द्वारा कीटनाशक पीने के बाद अंजू कुछ समय के लिए होश में थी। उसने एमबी चिकित्सालय में ही तैनात अपने फार्मासिस्ट चाचा पुरुषोत्तम शर्मा को पापा के फोन से कॉल किया। अंजू ने चाचा को बताया कि सभी ने जहर पी लिया है। यहां तड़प रहे हैं आप हमें बचा लो।
READ MORE: शिक्षक ने परिवार सहित पिया कीटनाशक, पत्नी, बेटा-बेटी की मौत, शिक्षक की हालत गंभीर चाचा पुरुषोत्तम अस्पताल से सीधे अपने बड़े भाई के घर पहुंचे और ताला तोड़ अंदर घुसे तो परिवार के सभी सदस्य बेसुध पड़े थे। वे पड़ोसियों की मदद से उन्हें एमबी चिकित्सालय ले गए। वहां चिकित्सकों ने कल्पना को देखते ही मृत घोषित कर दिया, जबकि कुछ समय बाद अंजू व निखिल ने दम तोड़ दिया। देर रात विनोद शर्मा की भी उपचार के दौरान मौत हो गई।
मेरी संपत्ति भाई को दे देना
कीटनाशक पीने से पहले विनोद शर्मा ने एक सुसाइड नोट लिखा। जिसमें बाकायदा हस्ताक्षर करते हुए दिनांक भी लिखी। सुसाइड नोट में स्वेच्छा से आत्महत्या करने का उल्लेख करते हुए लिखा कि मौत के बाद घर के किसी भी सदस्य को परेशान नहीं किया जाए। मेरी चल-अचल संपत्ति मेरे प्रिय छोटे भाई पुरुषोत्तम के नाम कर दी जाए।
दरवाजे पर लगाया ट्यूशन की छुट्टी का नोट विनोद शर्मा गणित के टीचर होने से घर पर कई बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते है। उन्होंने शाम को परिवार के साथ मरने का मानस बनाते हुए घर पर बहुत सारी कपूर की गोलियां व कीटनाशक लाकर रखा। शाम को चार से पांच बजे के बीच ट्यूशन के बच्चों के आने से पूर्व उन्होंने दरवाजे पर ‘ट्यूशन की आज छुट्टी’ की सूचना लगाते हुए बाहर ताला लगा दिया। पीछे वाले रास्ते से अंदर आकर बाद में सभी ने जहर पी लिया।
बेटे को नवरात्र में दिलाई थी 80 हजार की बाइक
पुत्र निखिल पढ़ाई में होनहार था। बारहवीं में अच्छे नम्बरों के बाद हाल में उसे स्कॉलरशिप मिली थी। स्कॉलरशिप की राशि में कुछ रुपए मिलाकर नवरात्र में विनोद ने उसे 80 हजार की बाइक दिलाई थी। जिसके नम्बर भी अभी आने हैं।
पुत्र निखिल पढ़ाई में होनहार था। बारहवीं में अच्छे नम्बरों के बाद हाल में उसे स्कॉलरशिप मिली थी। स्कॉलरशिप की राशि में कुछ रुपए मिलाकर नवरात्र में विनोद ने उसे 80 हजार की बाइक दिलाई थी। जिसके नम्बर भी अभी आने हैं।