फलासिया क्षेत्र में नेशनल हाइवे के निर्माण के दौरान वन विभाग की काफी चारदीवारी टूटने व विभागीय जमीन हाइवे में जाने के बाद विभाग ने मार्ग के किनारे स्थित वनभूमि को सुरक्षित करने के लिए चारदीवारी बनाने का निर्णय किया। कर्मचारी व अधिकारी मौके पर काम करवाने गए तो ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का मानना है कि वन विभाग की जमीन पर बरसों से कई ग्रामीणों के घर व खेती बाड़ी है। कुछ लोगों को सरकार ने पट्टे भी जारी किए हैं, वही कुछ ने पट्टों के लिए आवेदन कर रखा है। फलासिया पहुंचे गरणवास व भामटी के आक्रोशित ग्रामीणों को समझाइश के लिए रेंजर शान्तिलाल मेघवाल एवं उपप्रधान विजय वडेरा आगे आए। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय वन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
…….
वनभूमि में 70 से 80 परिवार रह रहे हैं। उनकी खेती-बाडी वहीं है, कई ने तो घर भी बना लिए हैं। ऐसे में वन विभाग सडक़ किनारे चारदीवारी बनाकर काबिज लोगों को बेदखल करने की साजिश कर रहा है। जल्द समाधान नहीं हुआ तो फिर प्रदर्शन करेंगे।
लक्ष्मीलाल खराड़ी, सरपंच ग्राम पंचायत गरणवास विभाग को पता है कि वहां ग्रामीणों के मकान व खेत हैं। निर्माण से पहले ग्रामीणों की राय लेनी थी।
विजय वडेरा, उपप्रधान फलासिया हाइवे निर्माण के दौरान टूटी चारदीवारी को बनवाने का आदेश सरकार का है। हम चारदीवारी बना रहे हैं, किसी के घर तोड़ कर बेदखल नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों का चारदीवारी के लिए बवाल करना गलत है।
शान्तिलाल मेघवाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी फलासिया