scriptPadmavati Controversy: पदमावती को लेकर महेंद्र सिंह मेवाड़ ने अब सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पर उठाए सवाल | Vishvaraj Singh Mewar Writes A Letter To Information Ministry | Patrika News

Padmavati Controversy: पदमावती को लेकर महेंद्र सिंह मेवाड़ ने अब सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पर उठाए सवाल

locationउदयपुरPublished: Jan 01, 2018 03:40:09 pm

Submitted by:

Ashish Joshi

मेवाड़ के पूर्व राजघराने के महेंद्रसिंह मेवाड़ ने फिल्म पद्मावती को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री को भेजा पत्र

mahendra singh mewar
उदयपुर . मेवाड़ के पूर्व राजघराने के महेंद्रसिंह मेवाड़ ने फिल्म पद्मावती को लेकर सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाए हैं। यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म की समीक्षा और सलाह के लिए पहले एक कमेटी बनाई। फोन पर विशेषज्ञों को आमंत्रित किया, फिर चुपचाप दूसरी कमेटी बना दी। उस कमेटी ने भी फिल्म रिलीज नहीं करने की सलाह दी। फिर भी सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी 25 कट (5 संशोधनों) के साथ इसे रिलीज करने पर आमादा है।
मेवाड़ ने कहा कि सेंसर बोर्ड के भी अपने नियम-कायदे हैं, फिर एेसा मजाक क्यों हो रहा है? सरकार को सोचना चाहिए। इतिहास की खिल्ली क्यों उड़ाई जा रही है? हैरानी की बात है कि फिल्म में जो बताया गया है, वह न तो इतिहास में है और ना ही जायसी के पद्मावत में। बोले-सेंसर बोर्ड फिल्म को थोपने की तैयारी में है। वो जो असत्य है। एेसे तो तमाशा हो जाएगा। मेवाड़ ने इस संबंध में सूचना एचं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री राज्यवद्र्धनसिंह राठौड़ को ई-मेल के जरिए पत्र भेजकर सेंसर बोर्ड अध्यक्ष के रवैये और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनके संबंध में उचित निर्णय लेने की मांग की है।
READ MORE : #SWAG से किया नए साल का स्वागत, उदयपुर में नए साल के जश्न की देखें तस्वीरें

सीबीएफसी को भी लिख चुके हैं पत्र

मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराजसिंह मेवाड़ ने कुछ बदलावों के बाद फिल्म को रिलीज करने की सूचना पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के प्रसून जोशी को ई-मेल भेजकर आपत्ति दर्ज कराई है। सेंसर बोर्ड के रवैये को उन्होंने अव्यावहारिक और अनैतिक बताया है। मेवाड़ ने अपने पत्र में कहा कि फिल्म के लिए बनाई गई कमेटी की बैठक में उन्हें भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वे इस बैठक में शामिल नहीं हुए। न तो उन्होंने और ना ही उनके पिता महेंद्रसिंह मेवाड़ ने ये फिल्म देखी है। ये फिल्म उनके परिवार पर आधारित है। ऐसे में जो बदलाव किए जा रहे हैं जैसे फिल्म का नाम परिवर्तन कर देने से घटनाएं, नाम, जगह और जो लोग इस इतिहास से जुड़े थे, नहीं बदलेंगे। वे तथ्य वहीं रहेंगे। बोले-पूर्व में २२ दिसंबर को जो मैंने पत्र लिखा था, उसके प्रश्न अभी तक बरकरार हैं। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि सीबीएफसी ने बैठक चुपचाप ही बुलाई है, ऐसे में उनके जाने का सवाल ही नहीं उठता। मुझे बुलाने के लिए फोन जरूर कर रहे थे। चुपचाप बैठक बुलाने से मन में संदेह होता है। सेंसर बोर्ड कहता कुछ है और करता कुछ है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो