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झामरी नदी पर 26 साल से पुल बनने का इंतजार

locationउदयपुरPublished: Jun 29, 2019 02:43:51 am

Submitted by:

Pankaj

बरसात में कट जाता है गुडेल और लालावतों का गुड़ा का संपर्क, जनप्रतिनिधियों ने कई बार की घोषणाएं, समधान नहीं

Waiting for bridge to be built on the Jhamri River for 26 years

झामरी नदी पर 26 साल से पुल बनने का इंतजार

शंकर पटेल. गींगला . बारिश आते ही सलूम्बर उपखंड की गुडेल ग्राम पंचायत अंतर्गत लालावतों का गुडा वासियों को चिंता बढ़ जाती है। इस गांव को आज तक सड़क तो नहीं मिली, लेकिन 26 साल पहले से की जा रही झामरी नदी पर पुल बनाने मांग पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में जब नदी में पानी आता है तो ग्रामीणों का पंचायत मुख्यालय से तो बच्चों का स्कूल से सम्पर्क कट जाता है। उन्हें 15 किमी दूर गींगला होकर मुख्यालय पहुंचना पड़ता है।
बीते सालों में तो ग्रामीण नदी में पानी आने के बाद भी जोखिम में नदी पार करते थे, लेकिन बजरी दोहन के बाद 15 से 25 फीट तक गहरे गड्ढ़े हो गए हैं। ऐसे में पानी भरा होने पर नदी पार करना मुश्किल हो जाता है। अनहोनी के डर से अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं।
घोषणाएं, जो नहीं हुई पूरी
झामरी नदी पर रपट-पुल तथा सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई। सार्वजनिक मंच से घोषणाएं भी हुई, लेकिन आज तक समाधान नहीं हो सका। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2007-08 में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री व पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने घोषणा की। इसके बाद वर्ष 2014 में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत गुडेल पहुंचे सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री युनूस खान पहुंचे। नदी तक जाकर देखा और काम शीघ्र होने की बात कही, लेकिन हालात नहीं सुधरे। वर्ष 2018 में पंचायती राज मंत्री धनसिंह रावत पहुंचे। उन्होंने भी आश्वासन दिया, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
पहले भेजा प्रस्ताव निरस्त

वर्ष 2016 में गुडेल से ढीमड़ी नाम से पुल मय सड़क का करीब 16 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा था, लेकिन ढीमडी गांव जो कि उथरदा ग्राम पंचायत का था वह डामरीकरण सड़क से जुड़ गया था, जिससे प्रस्ताव निरस्त हो गया। नरेगा के तहत भी प्रस्ताव भेजा, लेकिन अधिक राशि के कारण अटकता रहा। कई बार प्रस्ताव लेकर जयपुर गए, लेकिन काम नहीं हो पाया।
इनका कहना…
सालों से मांग की जा रही है, किसी ने समाधान नहीं दिया। सभी घोषणाएं कर गए प्रस्ताव बने, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कई बार सलूम्बर, उदयपुर, जयपुर तक की भागदौड़ की, लेकिन मांग आज भी लंबित है।
किशोर सिंह, पूर्व उपसरपंच, गुडेल
बारिश में पानी आने पर गुडेल मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। ऐसे में नदी पार करना बेहतर खतरनाक है। विधायक को कई बार कहा, प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन निरस्त हो गया। हर साल की तरह इस बार भी बरसात आने पर चिंताएं बढ़ेगी।
माधुसिंह, ग्रामीण, लालावतों का गुडा
मेरे कार्य संभाले अभी डेढ़ माह हुआ है। इससे पहले की पुरानी समस्या की मुझे जानकारी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया है। पूरी जानकारी कर प्रस्ताव भेजेंगे।

शैलेन्द्र चौहान, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी
लालावतों का गुडा 2001 के बाद का राजस्व गांव है। वर्ष 2011 वाले गांवों को अभी शामिल नहीं किया है। इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव बनाकर भेजा था, लेकिन निरस्त हो गया। अभी रपट या पुल का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। फिर से प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
मणिलाल, एईएन, पीडब्ल्यूडी
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