READ MORE : आज से शुरू हो गया है अधिक मास, इसमें क्या करें और किन बातों का ध्यान रखें.. जानें कुएं- बावडिय़ां भी रीते
बसंती सालवी ने बताया कि गांव में कई कुएं और बावडिय़ां हैं, लेकिन अधिकांश सूखे पड़े हैं। ऐसे में महिलाओं को पेयजल के लिए काफी दूर तक भटकना पड़ता है।
हैंडपंप भी सूखे
नकाबाई ने बताया कि गांव में हैंडपंप भी सूखे हुए हैं। पेयजल संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन दो वर्ष बाद भी अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है। पानी का टैंकर पांच सौ रुपए में आता है। ऐसे में गरीब लोग टैंकर कहां से डलवाए।
बसंती सालवी ने बताया कि गांव में कई कुएं और बावडिय़ां हैं, लेकिन अधिकांश सूखे पड़े हैं। ऐसे में महिलाओं को पेयजल के लिए काफी दूर तक भटकना पड़ता है।
हैंडपंप भी सूखे
नकाबाई ने बताया कि गांव में हैंडपंप भी सूखे हुए हैं। पेयजल संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन दो वर्ष बाद भी अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है। पानी का टैंकर पांच सौ रुपए में आता है। ऐसे में गरीब लोग टैंकर कहां से डलवाए।
कल से ही होगी सप्लाई
महिलाओं की समस्या जायज है। सहायक अभियंता को निर्देश दिए गए हैं कि वे कल से ही टैंकर मंगवाकर टंकी भरे और गांव में पानी की सप्लाई सुनिश्चित करे। इस गांव का प्रस्ताव दिसंबर में ही हमारे पास आया है। यहां पानी के भूमिगत स्रोत नहीं के बराबर है। गांव के लिए दो करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया है। इसमें सबमर्सिबल से पानी लेकर सप्लाई किया जाएगा। 28 मई को इसका टेंडर होना है। यह प्रस्ताव पारित होने के बाद 72 घंटे में गांव में पानी की सप्लाई होगी।
नरेश सिंह, अधिशाषी अभियंता, ग्रामीण खंड, उदयपुर
महिलाओं की समस्या जायज है। सहायक अभियंता को निर्देश दिए गए हैं कि वे कल से ही टैंकर मंगवाकर टंकी भरे और गांव में पानी की सप्लाई सुनिश्चित करे। इस गांव का प्रस्ताव दिसंबर में ही हमारे पास आया है। यहां पानी के भूमिगत स्रोत नहीं के बराबर है। गांव के लिए दो करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया है। इसमें सबमर्सिबल से पानी लेकर सप्लाई किया जाएगा। 28 मई को इसका टेंडर होना है। यह प्रस्ताव पारित होने के बाद 72 घंटे में गांव में पानी की सप्लाई होगी।
नरेश सिंह, अधिशाषी अभियंता, ग्रामीण खंड, उदयपुर