कर्मचारियों ने तुरंत विभाग के सहायक व कनिष्ठ अभियन्ता को सूचना दी। इंजीनियरों ने चार दिन बांध के चक्कर काटे, लेकिन गेट नहीं खुला। अधिशासी अभियन्ता को बताने के पांच दिन बाद भी समाधान नहीं हो पाया है। बता दें कि वाकल- भाडेर क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के दो हजार से अधिक किसानों ने बुवाई की तैयारी कर रखी है। ओगणा बॉध से वाकल क्षेत्र की ओगणा, अटाटिया, समीजा पंचायत के राजस्व गॉव डूंगरियावास, सांखला, देवड़ावास, अटाटिया व भाडेर क्षेत्र की काडा, गैजवी पंचायत के राजस्व गांव उचलती बेरी, कुम्हारवास, नापादेवी, मोहिनी, अजयपुरा, राणपुर, क्यारिया समेत कई गांवों में नहरों से पानी आने का इंतजार था। किसानों का कहना है कि हर साल 15 से 20 नवम्बर तक बुवाई हो जाती है, लेकिन इस बार चिंता सताने लगी है।
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समय पर नहीं दिया ध्यान , ऐन वक्त पर होश उड़े
इस साल अच्छी बारिश से 42.8 फीट भराव क्षमता वाला तालाब ओवरफ्लो हुआ। नहर का गेट खराब होने से अब इसे खोलने के लिए 40 फीट गहरे पानी में जाना पड़ेगा, जो किसी के बस की बात नहीं है। कर्मचारियों ने किसी निजी कम्पनी के कर्मचारियों को बुलाया था, जिन्होंने डेढ़ लाख रुपए का खर्च बता दिया। इससे कर्मचारियों के होश उड़ गए।
समय पर नहीं दिया ध्यान , ऐन वक्त पर होश उड़े
इस साल अच्छी बारिश से 42.8 फीट भराव क्षमता वाला तालाब ओवरफ्लो हुआ। नहर का गेट खराब होने से अब इसे खोलने के लिए 40 फीट गहरे पानी में जाना पड़ेगा, जो किसी के बस की बात नहीं है। कर्मचारियों ने किसी निजी कम्पनी के कर्मचारियों को बुलाया था, जिन्होंने डेढ़ लाख रुपए का खर्च बता दिया। इससे कर्मचारियों के होश उड़ गए।
अधिकारी भी बजट को लेकर बेबस हैं। उधर, बॉध की दोनों नहरों की हालत भी खराब है। विभागीय मस्टररोल व नरेगा योजना के तहत करीब पौने दो लाख रुपए खर्च कर सफाई कराई गई, लेकिन काम ढंग से नहीं हुआ।
ग्रामीण पहुंचे गेट दुरुस्त करने
ओगणा मे शुक्रवार को पंचायत की ओर से तालाब का गेट ठीक करने के लिए ग्रामीण पहुंचे। उपकरण-औजार भी ले गए। प्रयासों के दौरान उपकरण पानी में गिर गया। दूसरी ओर उप सरपंच महावीर पूर्बिया सहित कई किसान भी दिनभर मशक्कत करते रहे, लेकिन नतीजा नहीं निकला। किसानों ने उदयपुर में विभाग के अधिशासी अभियंता को हालात बताए हैं।
ओगणा मे शुक्रवार को पंचायत की ओर से तालाब का गेट ठीक करने के लिए ग्रामीण पहुंचे। उपकरण-औजार भी ले गए। प्रयासों के दौरान उपकरण पानी में गिर गया। दूसरी ओर उप सरपंच महावीर पूर्बिया सहित कई किसान भी दिनभर मशक्कत करते रहे, लेकिन नतीजा नहीं निकला। किसानों ने उदयपुर में विभाग के अधिशासी अभियंता को हालात बताए हैं।
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गेट में तकनीकी खराबी से समस्या हुई है। पानी भी ज्यादा है। हमने निजी कम्पनी से सम्पर्क किया था, लेकिन जो खर्च बताया, वह विभाग नहीं दे सकता। अधिशाषी अभियन्ता व जिला कलक्टर को बता दिया है। कलक्टर से एनडीआरएफ की टीम उपलब्ध कराने की मांग भी की है। शीघ्र गेट दुरुस्त कर पानी की सप्लाई शुरू कराएंगे।
देवेन्द्र पूर्बिया, जेईएन, जल संसाधन विभाग, झाड़ोल
गेट में तकनीकी खराबी से समस्या हुई है। पानी भी ज्यादा है। हमने निजी कम्पनी से सम्पर्क किया था, लेकिन जो खर्च बताया, वह विभाग नहीं दे सकता। अधिशाषी अभियन्ता व जिला कलक्टर को बता दिया है। कलक्टर से एनडीआरएफ की टीम उपलब्ध कराने की मांग भी की है। शीघ्र गेट दुरुस्त कर पानी की सप्लाई शुरू कराएंगे।
देवेन्द्र पूर्बिया, जेईएन, जल संसाधन विभाग, झाड़ोल
प्रयास कर रहे हैं
ओगणा बांध के नहर के अन्दर का गेट फंस गया है। हमारे पास लोकल गोताखोर नहीं है। प्रयास कर रहे हैं। एक-दो दिन में पानी रिलीज कर दिया जाएगा।
हेमन्त पण्डिया, अधिशाषी अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, उदयपुर