खड्डो के इर्द गिर्द बड़ी तादाद में कुत्तों को देखकर तालाब के वहां से गुजर रहे पक्षी मित्रों ने देखा तो मछलियां मामूली पानी में फड़फड़ा रही थी वही 4 5 मछलियां पानी की कमी से किनारे मर भी चुकी थी। युवाओं ने पानी की कमी से तड़पती मछलियों के मरने की सूचना व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर की तो अन्य साथी भी मदद को आगे आए। तड़पती मछलियों को बचाने के लिए गांव स्थानीय पक्षी मित्रों ने पानी के टेंकर खाली करवाए। मन्दिर के पिछले हिस्से में एक खड्डे में पानी बिल्कुल सुख चुका था लेकिन कीचड़ में सैंकड़ो मछलियां तड़प रही थी इसमें युवाओ ने पानी के टैंकर खाली करवाएं। वहीं घाट के पास वाले खड्डे में भी पानी के टेंकर खाली करवाया गया। जैसे ही खड्डों में पानी डाला अधमरी मछलियां फिर से उछल कुदल करने लगी।
पक्षी मित्र राहुल लुणावत, दर्शन मेनारिया, कालू लाल दोलाव , चेतन पुंडरोत, मनीष लुणावत, ओम प्रकाश लुणावत, प्रवीण दियावत, कमलेश हीरावत, जगदीश कमावत, योगेश पुण्डरोत, राधेश्याम कानावत, भगवती दियावत, प्रेम ठाकरोत आदि मौजूद रहे। शंकर लाल गुर्जर ने मछलियों के लिए टेंकर डलवाने हेतु सहयोग राशी दी।