———- अब तक प्लाज्मा के 323 पोसिजर – जिले के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में ही प्लाज्मा बैंक बनाया गया है। यहां शुरू से अब तक प्लाज्मा के 323 प्रोसिजर किए गए है। इससे 646 यूनिट तैयार हुए हैं। – ये प्लाज्मा देने वाले केवल 250 लोग ही हैं, इसमें कई लोगों ने बार-बार प्लाज्मा दान किया है। – एक प्रोसिजर में दो यूनिट मिलता है। – एक व्यक्ति को एक बार में दो सौ एमएल प्लाज्मा चढाया जाता है। प्लाज्मा में एक यूनिट में 200 एमएल होता है। – अभी प्लाज्मा बैंक में केवल छह यूनिट रखी गई है। – एक व्यक्ति रिकवरी होने के 28 दिन बाद छह माह तक हर 15 दिन में प्लाज्मा दे सकता है। – प्लाज्मा ब्लड की तरह ही दान किया जाता है, जो पीले रंग का होता है।
– ——- ब्लड की तरह ही इसके भी ग्रुप ब्लड की तरह ही प्लाज्मा के भी चार ग्रुप हैं। इसके पोजिटिव व नेगेटिव दोनों ग्रुप होते हैं यानी आठ ग्रुप होते हैं। – ए- बी – एबी – ओ
——- यहां इतनी मांग- प्लाज्मा की ज्यादातर मांग प्राइवेट हॉस्पिटल सरकारी- 10 प्रतिशत प्राइवेट- 90 प्रतिशत सरकारी में भर्ती मरीज को नि:शुल्क प्लाज्मा दिया जाता है, जबकि प्राइवेट में मांग होने पर 16500 रुपए की राशि लेकर प्लाज्मा आवंटित किया जाता है।
———– प्लाज्मा डोनेट करने के लिए ये जरूरी- 18 से 60 वर्ष उम्र- वजन- 50 किलोग्राम से अधिक – सीबीसी- कम्प्लिट ब्लड काउंट पेरामीटर सामान्य होने चाहिए, हिमोग्लोबिन, डब्ल्यूबीसी व प्लेटलेट काउंट- एंटीबॉडी टेस्ट में पोजिटिव आनी चाहिए तो ही ये प्लाज्मा काम का है। – संक्रमित होने के बाद रिकवरी होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा पूरी जांच के बाद दिया जा सकता है। इसकी जांच एमबी के ब्लड बैंक में नि:शुल्क की जाती है।
———— अप्रेल से पहले इसकी मांग कम थी, लेकिन जैसे ही संक्रमण में तेजी आई और बीमारों की संख्याब ढऩे लगी तो अब फिर से प्रतिदिन करीब दस यूनिट प्लाज्मा की मांग है, फिलहाल हमारे पास केवल 6 यूनिट पड़ा है, लोगों को आगे आकर प्लाज्मा देना चाहिए, ताकि दूसरों की जान बच सके। कई बार गंभीर मरीज के लिए रक्तदाता युवा वाहिनी जैसे एनजीओ से संपर्क करने के बाद डोनर बुलवाकर व्यवस्था करते है।
डॉ भागचंद रेगर, प्रभारी प्लाज्मा बैंक एमबी हॉस्पिटल उदयपुर