लियो का गुड़ा स्थित सेवामहातीर्थ परिसर में शुभ मुहूर्त में सुबह तोरण की रीत निभाई गई। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में वर-वधुओं ने हाइड्रोलिक स्टेज पर वरमाला पहनाई। लोगों ने पुष्प वर्षा कर अभिनन्दन किया। फेरों के लिए विवाह स्थल पर 47 वेदियां बनाई गई। प्रत्येक पर पूजन-हवन के साथ पाणिग्रहण संस्कार कराने के लिए आचार्य मौजूद थे। नवयुगलों को संस्थान एवं देश के विभिन्न राज्यों से आए अतिथियों ने घर गृहस्थी की जरुरत की सामग्री उपहार में दी।
विदाई में भीगी पलकें
समारोह में 50 दिव्यांगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण भी वितरित किए गए। अतिथियों ने विवाह के बाद नवयुगलों को नम आखों से विदाई दी। सभी जोड़ों को संस्थान के वाहनों से उनके घरों तक पहुंचाया गया।
इनकी रही भागीदारी
विदाई में भीगी पलकें
समारोह में 50 दिव्यांगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण भी वितरित किए गए। अतिथियों ने विवाह के बाद नवयुगलों को नम आखों से विदाई दी। सभी जोड़ों को संस्थान के वाहनों से उनके घरों तक पहुंचाया गया।
इनकी रही भागीदारी
संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव, सहसंस्थापिका कमलादेवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, वंदना अग्रवाल ने महोत्सव का शुभारम्भ किया। विशिष्ट अतिथि मोनिका देवी स्पेन, कुंवर भाई मुम्बासा, आनंद कुमार उड़ीसा, कुसुम गुप्ता दिल्ली, कमला देवी लंदन थे। संस्थापक कैलाश मानव ने कहा कि बीते 16 साल से इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। अब तक करीब 2000 दिव्यांग और निर्धन जोड़ों की गृहस्थी बसाई जा चुकी है। अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने संस्थान की 34 वर्षीय सेवा यात्रा की जानकारी दी। संचालन महिम जैन ने किया।
सुखद दांपत्य योजना की स्वीकृति
जिला प्रशासन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से नवविवाहित दिव्यांगजन युगलों को सुखद दांपत्य योजना की स्वीकृति एवं विवाह प्रमाणपत्र का आवंटन किया गया। उपनिदेशक मान्धातासिंह ने बताया कि नारायण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में पात्र दिव्यांगजन युगलों को योजना के लाभ और विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
जिला प्रशासन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से नवविवाहित दिव्यांगजन युगलों को सुखद दांपत्य योजना की स्वीकृति एवं विवाह प्रमाणपत्र का आवंटन किया गया। उपनिदेशक मान्धातासिंह ने बताया कि नारायण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में पात्र दिव्यांगजन युगलों को योजना के लाभ और विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।