कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र में औसत 600 मिमी के मुकाबले में इस बार 864 मिमी बारिश हुई। वल्लभनगर तहसील के क्रिटिकल जोन में आने वाले कुओं का जलस्तर भी बढ़ेगा जिससे फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। साथ ही तालाबों के लबालब होने से मवेशियों को फायदा मिलेगा।
रिकॉर्ड 44 दिन तक छलका धण्ड तालाब
कस्बे के ब्रह्मसागर, धण्ड तालाब सहित चारों एनीकट के छलकने से मेनार से राणेरा तालाब तक 15 किलोमीटर दायरे के गांवों में स्थित कुओं में जलस्तर बढ़ गया। करीब 13 साल के बाद कुओं में जलस्तर बढऩे से किसानों में खुशी छाई है। धंड तालाब इस बार रिकॉर्ड 44 दिन तक छलका, जो इससे पहले 2006 में 33 दिन छलका था।
कस्बे के ब्रह्मसागर, धण्ड तालाब सहित चारों एनीकट के छलकने से मेनार से राणेरा तालाब तक 15 किलोमीटर दायरे के गांवों में स्थित कुओं में जलस्तर बढ़ गया। करीब 13 साल के बाद कुओं में जलस्तर बढऩे से किसानों में खुशी छाई है। धंड तालाब इस बार रिकॉर्ड 44 दिन तक छलका, जो इससे पहले 2006 में 33 दिन छलका था।
इस बार पड़ेगी कड़ाके की सर्दी बारिश का दौर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहने से जानकारों का कहना है कि इस बार क्षेत्र में कड़ाके की ठंड बढऩे की संभावना है। किसानों के लिए ठंड फायदेमंद रहेगी क्योंकि गेंहू का उत्पादन बढ़ेगा।
फसलों में भी होगा बदलाव
किसानों की मानें तो कुओं का जलस्तर सुधरने से अब फसलों की बुवाई में भी बदलाव होगा। पहले की तरह खेतों में कपास, सरसों, अरंडी, गेहूं, जौ, मिर्च आदि फसलों की बुवाई की जाएगी, ताकि उसके उत्पादन से अधिक आय प्राप्त हो सके।
किसानों की मानें तो कुओं का जलस्तर सुधरने से अब फसलों की बुवाई में भी बदलाव होगा। पहले की तरह खेतों में कपास, सरसों, अरंडी, गेहूं, जौ, मिर्च आदि फसलों की बुवाई की जाएगी, ताकि उसके उत्पादन से अधिक आय प्राप्त हो सके।
…. भारी बारिश से भूमिगत जलस्तर में काफी सुधार हुआ है। कई क्षेत्रों में तो बोरवेल से पानी ओवरफ्लो हुआ है। कुओं में जलस्तर बढऩे से इस बार रबी फसल का रकबा 4 से 5 हजार हेक्टेयर बढऩे की संभावना है। गेंहू , चना, तारामीरा आदि फसलों का रकबा बढ़ेगा। अत्यधिक ठंड पड़ेगी जिससे गेंहू की फसल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। किसान अन्य फसलों पर भी प्रयोग करेंगे।
मदन सिंह शक्तावत, कृषि अधिकारी भींडर
मदन सिंह शक्तावत, कृषि अधिकारी भींडर