सरकार ने वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2019 तक छह वर्षों में 3 लाख 29 हजार 383 युवाओं को प्रशिक्षित किया, जिनमें से केवल एक लाख 17 हजार 33 युवाओं को छोटा-मोटा रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर मिले, लेकिन इससे दुगुने यानी 2 लाख 12350 बेरोजगार ही रहे। ध्यान रहे, सरकार ने इन पांच वर्षों में युवाओं को बेरोजगारी के दलदल से निकालने के लिए 425.49 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
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– राजस्थान कौशल व आजीविका विकास निगम की ओर से प्रदेश में चार कौशल प्रशिक्षण योजनाएं चलाई जा रही है।
– रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (इएलएसटीपी) – नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम- (आरएसटीपी)
– दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना- (डीडीयू-जीके वाय)
– रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (इएलएसटीपी) – नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम- (आरएसटीपी)
– दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना- (डीडीयू-जीके वाय)
– प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना- (पीएमकेवीवाय) —– निगम की ओर से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चयनित प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में इसे चलाया जा रहा है। इसमें युवाओं को सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम नि:शुल्क दिए जाते हैं, इसके बाद प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं की ओर से युवाओं को योजना के अनुसार निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर व स्वरोजगार के अवसर दिए जाते हैं। युवा अपनी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण का चयन कर मोबाइल से पंजीयन करा सकते हैं।
वर्ष 2014 से जून 2019 तक विभिन्न योजनाओं के हाल: योजनाओं के अनुसार युवाओं को दिया प्रशिक्षण वर्षवार डीडीयूजीकेवाय इएलएसटीपी आरएसटीपी पीएमकेवीवाय कुल 2014-15, 2779, 33171, 0, 0, 35950 2015-16, 24760, 33361, 4858, 0, 62979
2016-17, 4829, 60749, 9925, 0, 75503 2017-18, 4125, 33996, 4585, 0, 42706 2018-19, 12139, 47143, 20111, 7529, 86922 2019-20, 3502, 10477, 3587, 7757, 25323 —– योजनावार मिला रोजगार वर्षवार डीडीयूजीकेवाय इएलएसटीपी आरएसटीपी कुल
2014-15, 1985, 19715, 0, 21700 2015-16, 11958, 15947, 2467, 30372 2016-17, 1937, 31004, 5067, 38008 2017-18, 921, 16254, 1585, 18760 2018-19, 00, 7538, 655, 8193 ——— 16801, 90458, 9774, 117033
—– राज्य व केन्द्र की ओर से मिला पैसा- राशि करोड़ों में। 2014 से 19 तक की राशि का ब्योरा इन पांच वर्षों में बेरोजगारों को रोजगार के लिए तैयार करने के काम पर केन्द्र व राज्य ने मिलकर 425.49 करोड़ रुपए लुटाए हैं।
स्टेट प्लान में मिला पैसा: 220.89 केन्द्र से मिला पैसा: 204.6 करोड़ रुपए