किसी ने नहीं पूछा कि क्या हाल है : केस: 1
– इमरजेंसी के बरामदे में राजसमन्द से आई प्रतापी बाई को एक स्ट्रेचर पर लिटा र ाा था, पेट में ाासा दर्द था, लेकिन उसे दे ाने वाला कोई नहीं। उसके साथ आई महिला ने बताया कि जब कोई आएगा तो उन्हें ले जाएगा, उन्हें यहां से कहा जाना उसकी जानकारी नहीं है।
– इमरजेंसी के बरामदे में राजसमन्द से आई प्रतापी बाई को एक स्ट्रेचर पर लिटा र ाा था, पेट में ाासा दर्द था, लेकिन उसे दे ाने वाला कोई नहीं। उसके साथ आई महिला ने बताया कि जब कोई आएगा तो उन्हें ले जाएगा, उन्हें यहां से कहा जाना उसकी जानकारी नहीं है।
केस: 2
दर्द से कराहती रहीं अंशीदेवी:
– ाीम से आई अंशीदेवी को पैर में दर्द के कारण परिजन दि ााने लाए थे। पत्रिका टीम के सामने ही परिजनों ने चिकित्सक को दि ााया। चिकित्सक ने तत्काल वार्ड के लिए ोज दिया, लेकिन अंशीदेवी को ले जाने वाला कोई नहीं था। अंशीदेवी दर्द से कराह रही थी, उसे उस व्हील चेयर पर बैठा ाी नहीं जा रहा था, परिजन उसे लेकर इमरजेंसी में ही ाड़े होकर आगे की प्रक्रिया का इन्तजार कर रहे थे।
दर्द से कराहती रहीं अंशीदेवी:
– ाीम से आई अंशीदेवी को पैर में दर्द के कारण परिजन दि ााने लाए थे। पत्रिका टीम के सामने ही परिजनों ने चिकित्सक को दि ााया। चिकित्सक ने तत्काल वार्ड के लिए ोज दिया, लेकिन अंशीदेवी को ले जाने वाला कोई नहीं था। अंशीदेवी दर्द से कराह रही थी, उसे उस व्हील चेयर पर बैठा ाी नहीं जा रहा था, परिजन उसे लेकर इमरजेंसी में ही ाड़े होकर आगे की प्रक्रिया का इन्तजार कर रहे थे।
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केस: 3
गुर्दे में पथरी की शिकायत लेकर वल्ल ानगर से आए मानाजी के परिजनों ने बताया कि उनके साथ कोई ट्रॉली मैन नहीं है। हाल ये है कि परिजन ाुद ही मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर वार्ड से बाहर लेकर आए थे। यहां ाी मानाजी को ाी काफी परेशानी हो रही थी।
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केस: 3
गुर्दे में पथरी की शिकायत लेकर वल्ल ानगर से आए मानाजी के परिजनों ने बताया कि उनके साथ कोई ट्रॉली मैन नहीं है। हाल ये है कि परिजन ाुद ही मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर वार्ड से बाहर लेकर आए थे। यहां ाी मानाजी को ाी काफी परेशानी हो रही थी।
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वार्ड में पड़े हैं टूटे स्ट्रेचर
टूटे स्ट्रेचर एक आपातकालीन वार्ड के एक कौने में पड़े थे। हालात ये है कि इस वार्ड में कोई चिकित्साकर्मी नहीं था। पूरे वार्ड में दो हिस्से बने हुए हैं। आगे के हिस्से में एक और अन्दर के हिस्से में तीन मरीज परिजनों के साथ जरूर मौजूद थे। हालात ये है कि आपातकालीन स्थितियों के लिए बनाए गए इस वार्ड में किसी ाी चिकित्साकर्मी का नियमित नहीं बैठना व्यवस्था की पोल ाोलता है। इमरजेंसी में ओपीडी के सामने ही एक कक्ष में स ाी चिकित्साकर्मी एक साथ बैठककर बातों में मशगूल रहते हैं। इस वार्ड को बनाने का उद्देश्य ये ही है कि यदि कोई ज्यादा परेशान है तो उसे यहां से उपचार उपलब्ध हो, कुछ राहत के बाद ार्ती करना है या नहीं उस पर निर्णय किया जाए।
टूटे स्ट्रेचर एक आपातकालीन वार्ड के एक कौने में पड़े थे। हालात ये है कि इस वार्ड में कोई चिकित्साकर्मी नहीं था। पूरे वार्ड में दो हिस्से बने हुए हैं। आगे के हिस्से में एक और अन्दर के हिस्से में तीन मरीज परिजनों के साथ जरूर मौजूद थे। हालात ये है कि आपातकालीन स्थितियों के लिए बनाए गए इस वार्ड में किसी ाी चिकित्साकर्मी का नियमित नहीं बैठना व्यवस्था की पोल ाोलता है। इमरजेंसी में ओपीडी के सामने ही एक कक्ष में स ाी चिकित्साकर्मी एक साथ बैठककर बातों में मशगूल रहते हैं। इस वार्ड को बनाने का उद्देश्य ये ही है कि यदि कोई ज्यादा परेशान है तो उसे यहां से उपचार उपलब्ध हो, कुछ राहत के बाद ार्ती करना है या नहीं उस पर निर्णय किया जाए।
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यहां पर नियमित रूप से दोनों पारी में न्यूनतम 8 से ज्यादा ट्रॉली मैन की जरूरत है, लेकिन यहां गिने चुने हैं। अधिकारियों को ाी ट्रॉली मैन की जरूरत के लिए बताया है ताकि मरीजों को समय रहते पूरा उपचार मिल जाए।
यहां पर नियमित रूप से दोनों पारी में न्यूनतम 8 से ज्यादा ट्रॉली मैन की जरूरत है, लेकिन यहां गिने चुने हैं। अधिकारियों को ाी ट्रॉली मैन की जरूरत के लिए बताया है ताकि मरीजों को समय रहते पूरा उपचार मिल जाए।
डॉ सीपी मुद्दगल, अध्यक्ष रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन उदयपुर
—– जल्द ही जो हैल्प डेस्क शुरू होगी इससे काफी समस्याएं कम हो जाएंगी। स ाी कार्मिकों को इमरजेंसी की सेवा बेहतर करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल उदयपुर
—– जल्द ही जो हैल्प डेस्क शुरू होगी इससे काफी समस्याएं कम हो जाएंगी। स ाी कार्मिकों को इमरजेंसी की सेवा बेहतर करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल उदयपुर