उदयपुर. जनजाति अंचल के लिए सरकार ने करोड़ों की पोटली तो खोली पर हालात नहीं बदल सकी। पिछले दो वर्षों में राज्य से लेकर केन्द्र सरकार ने जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए अपना बटुआ ढीला जरूर किया लेकिन ये भी इस क्षेत्र की तस्वीर और लोगों की तकदीर बदलने में नाकाफी रहा। अंचल के कई गांवों तक पक्की सडक़ नहीं पहुंच पाई और न ही स्वच्छ पानी का प्रबन्ध हुआ। कई गांव-ढाणियां आज भी ऐसे हैं, जहां के लोग अंधियारे में जीवन गुजार रहे हैं। कई गांवों में तो सरकारी परिवहन की सुविधा तक नहीं है। यहां के लोगों को दूर से कभी कभार किसी वाहन का हॉर्न सुनने को मिलता है।
जनजाति कल्याण के लिए प्रदेश में वर्ष 2017-18 व वर्ष 2018-19 में राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को स्वीकृत राशि व व्यय (राशि लाखों में) राज्य सरकार वर्ष व्यय
2017-18 26229.36
2017-18 26229.36
2018-19 29264.21
केन्द्र सरकार वर्ष राशि
2017-18 23395.26 2018-19 24529.58
व्यय राशि का प्रतिशत वितीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जनजाति कल्याण के लिए विभिन्न कार्यों के लिए व्यय राशि का प्रतिशत
(राशि लाखों में)
केन्द्र सरकार वर्ष राशि
2017-18 23395.26 2018-19 24529.58
व्यय राशि का प्रतिशत वितीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जनजाति कल्याण के लिए विभिन्न कार्यों के लिए व्यय राशि का प्रतिशत
(राशि लाखों में)
वर्ष – स्वीकृत राशि – व्यय – प्रतिशत2017-18 – 50281.72 – 49624.62- 98.692018-19 – 55106.02 – 53793.79- 97.62जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से विशेष केन्द्रीय सहायता, संविधान की धारा 275:1 जनजाति कल्याण निधि एवं केन्द्र प्रवृर्तित योजना मद अन्तर्गत आवंटित राशि अनुसार विकास कार्य बजट की उपलब्धता एवं कार्यों की उपादेयता अनुसार करवाए जाते हैं।
– विभाग की ओर से संचालित योजनाओं में राजस्थान के समस्त जिले आते हैं, जो ग्राम अनुसूचित क्षेत्र, माडा व माडा कलस्टर क्षेत्र, सहरिया क्षेत्र के अन्तर्गत नहीं आते हैं। उन्हें विभाग की ओर से संचालित बिखरी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाता है।
– विभाग की ओर से संचालित योजनाओं में राजस्थान के समस्त जिले आते हैं, जो ग्राम अनुसूचित क्षेत्र, माडा व माडा कलस्टर क्षेत्र, सहरिया क्षेत्र के अन्तर्गत नहीं आते हैं। उन्हें विभाग की ओर से संचालित बिखरी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाता है।
राशि लाखों में…उपायोजना क्षेत्र – वर्ष 2017-18 में राज्य जनजाति निधि कल्याण में खर्च – 19276.84
माडा क्षेत्र में – आश्रम छात्रावासों का संचालन 651.23 -आवासीय स्कूल का संचालन 173.63
– महाविद्यालय छात्रों को शैक्षणिक उत्प्रेरण 56.45
माडा क्षेत्र में – आश्रम छात्रावासों का संचालन 651.23 -आवासीय स्कूल का संचालन 173.63
– महाविद्यालय छात्रों को शैक्षणिक उत्प्रेरण 56.45
– माध्यमिक शिक्षा छात्रों का शैक्षणिक उत्प्रेरण- 448.36
– पीएमटी,पीईटी, आईआईटी के लिए प्रशिक्षण- 81.85 खर्च महायोग जनजाति कल्याण निधि- 22629.36
खर्च सहरिया क्षेत्र 4329.95 विशेष केन्द्रीय सहायता- 11286.19
विभिन्न योजनाओं पर खर्च- 10413.82 वर्ष 2018-19
राज्य निधि जनजाति कल्याण निधि
– पीएमटी,पीईटी, आईआईटी के लिए प्रशिक्षण- 81.85 खर्च महायोग जनजाति कल्याण निधि- 22629.36
खर्च सहरिया क्षेत्र 4329.95 विशेष केन्द्रीय सहायता- 11286.19
विभिन्न योजनाओं पर खर्च- 10413.82 वर्ष 2018-19
राज्य निधि जनजाति कल्याण निधि
टीएसपी क्षेत्र- 21176.76
माडा- 2617.64 अन्य मद- 894.40
सहरिया क्षेत्र 4563.67 जनजाति कल्याण निधि- 29264.21
विशेष केन्द्रीय सहायता- 10327.93 अन्य मद- 12979.65
केन्द्रीय प्रवर्तित योजना- 1222.00 कुल खर्च महायोग वर्ष 2017-18: 49624.62
वर्ष 2018-19: 53793.79
माडा- 2617.64 अन्य मद- 894.40
सहरिया क्षेत्र 4563.67 जनजाति कल्याण निधि- 29264.21
विशेष केन्द्रीय सहायता- 10327.93 अन्य मद- 12979.65
केन्द्रीय प्रवर्तित योजना- 1222.00 कुल खर्च महायोग वर्ष 2017-18: 49624.62
वर्ष 2018-19: 53793.79
दूर दराज की गांव-ढाणियों में कैसे पहुंचाएं बिजली, सडक़ें ही नहीं एवीवीएनएल के अधीक्षण अभियन्ता गिरीश जोशी ने बताया कि झाड़ोल व कोटड़ा सहित जनजाति अंचल में कई ऐसी ढाणियां हैं जहां सीधे बिजली कनेक्शन देना संभव नहीं है, इसलिए उदयपुर जिले में अब तक करीब 30 हजार बिजली कनेक्शन सौभाग्य योजना के तहत सोलर पैनल के जरिए दिए गए हैं। दूसरी ओर दूर दराज के गांवों में नल कनेक्शन यानी शुद्ध पेयजल अभी तक दूर की कोड़ी है। जिले के 80 प्रतिशत से अधिक गांव-ढाणियों में लोग कुओं, तालाबों व नदियों के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं।ये है जनजाति क्षेत्र:
जनजाति उपायोजना क्षेत्र: राज्य के आठ जिले इसमें उदयपुर संभाग के सभी जिलों के चुनिंदा गांव, जालोर व सिरोही के क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इसमें माडा क्षेत्र में 18 जिलों के 44 लघु खंड जोड़े गए हैं।
जनजाति उपायोजना क्षेत्र: राज्य के आठ जिले इसमें उदयपुर संभाग के सभी जिलों के चुनिंदा गांव, जालोर व सिरोही के क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इसमें माडा क्षेत्र में 18 जिलों के 44 लघु खंड जोड़े गए हैं।
यहां पगडंडी से ही चल रहा काम…
जनजाति क्षेत्र की 60 ग्राम पंचायतें ऐसी है, जो परिवहन सेवाओं से दूर है। मजदूरी के लिए इन पंचायतों के लोग प्रतिदिन मीलों पैदल सफ र कर गंतव्य तक पहुंचते हैं। सिर्फ 151 व अन्य क्षेत्र में 1839 बसें संचालित हैं, जो अन्य संभाग के मुकाबले कम है। आदिवासियों की तरह ही परिवहन सेवा भी पिछड़ी अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवा राज्य के अन्य जिलों से बेहद कमजोर है। सीकर एवं अजमेर से तुलना की जाए तो सीकर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में 1143 एवं अन्य क्षेत्रों में 4223 तथा अजमेर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में 536 एवं अन्य क्षेत्रों में 3509 बसें संचालित हैं, जबकि उदयपुर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 151 बसें व अन्य क्षेत्रों में 1839 बसों की परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। इस प्रकार मुख्य रुप से अनुसूचित क्षेत्र में मिनी तथा बड़ी बसों की भारी कमी है।
जनजाति क्षेत्र की 60 ग्राम पंचायतें ऐसी है, जो परिवहन सेवाओं से दूर है। मजदूरी के लिए इन पंचायतों के लोग प्रतिदिन मीलों पैदल सफ र कर गंतव्य तक पहुंचते हैं। सिर्फ 151 व अन्य क्षेत्र में 1839 बसें संचालित हैं, जो अन्य संभाग के मुकाबले कम है। आदिवासियों की तरह ही परिवहन सेवा भी पिछड़ी अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवा राज्य के अन्य जिलों से बेहद कमजोर है। सीकर एवं अजमेर से तुलना की जाए तो सीकर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में 1143 एवं अन्य क्षेत्रों में 4223 तथा अजमेर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में 536 एवं अन्य क्षेत्रों में 3509 बसें संचालित हैं, जबकि उदयपुर परिवहन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 151 बसें व अन्य क्षेत्रों में 1839 बसों की परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। इस प्रकार मुख्य रुप से अनुसूचित क्षेत्र में मिनी तथा बड़ी बसों की भारी कमी है।
परिवहन सेवाओं से वंचित पंचायतें
जिला- पंचायत उदयपुर -29
बांसवाड़ा-4 डूंगरपुर -22
प्रतापगढ़- 5 इन क्षेत्रों की पंचायतों में नहीं सार्वजनिक परिवहन सेवा
– बांसवाड़ा में गढ़ी, पाराहेड़ा, छोटी सरवन, कुंडल, गांगडतलाई, सालिया, छोटी सरवन, दानक्षरी,
जिला- पंचायत उदयपुर -29
बांसवाड़ा-4 डूंगरपुर -22
प्रतापगढ़- 5 इन क्षेत्रों की पंचायतों में नहीं सार्वजनिक परिवहन सेवा
– बांसवाड़ा में गढ़ी, पाराहेड़ा, छोटी सरवन, कुंडल, गांगडतलाई, सालिया, छोटी सरवन, दानक्षरी,
– डूंगरपुर में आसपुर क्षेत्र में देवला, नेपालपुर, सीमलवाड़ा क्षेत्र में बाकड़ा, धुका, कनबा, खरपेड़ा, सागवाड़ा में वेण, डूंगरपुर ब्लॉक में बटका फ ला, लोलकपुर, वलोता, पाल गामड़ी, पालदेवल, झोंथरी, चारवाड़ा, भटका, चिखली में जोरावरपुरा, शिशोत, उड़डियान, गलियाकोट में बाबा की बार, बिछीवाड़ा में आसियावाव, कवालियादरा, लाम्बड़ा भाटड़ा व पंचमहुड़ी, प्रतापगढ, प्रतापगढ़-पाल, मेडिंया खेड़ी, अरनोद में रायपुर जंगल, पीपलखूंट में नालपाड़ा व धरियावद में भांडला।
जल्द सुविधाएं दिलाने का प्रयास
जल्द सुविधाएं दिलाने का प्रयास
किन गांवों में ये सुविधाएं नहीं पहुंची, हम इसकी पूरी जानकारी लेकर प्रयास करेंगे कि उन गांवों तक जल्द से जल्द सुविधाएं पहुंचाई जाए।
अर्जुन बामणिया, जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री
अर्जुन बामणिया, जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री