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उदयपुर के सज्‍जनगढ़़ बायोलॉजिकल पार्क में एक के बाद एक वन्यजीव जा रहे मौत के मुंह में, आख‍िर क्‍या है राज

locationउदयपुरPublished: Feb 20, 2020 02:27:47 pm

Submitted by:

madhulika singh

काले हिरण के एनक्लोजर का गेट खुला रहने से हुआ हादसा, पैंथर ने बनाया निवाला, पैंथर को पकडऩे के लिए लगाए दो पिंजरे

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मानवेन्द्र सिंह राठौड़/उदयपुर.सज्जनगढ़ स्थित बायोलॉजिकल पार्क में एक के बाद एक वन्यजीव मौत के मुंह में जा रहे हैं और विभाग के लापरवाह अधिकारियों की नींद नहीं उड़ रही है। बाघिन (दामिनी) की मौत के पौने दो माह बाद वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही फिर खुलकर सामने आई। रात्रि गश्त होने के बावजूद किसी भी कर्मचारी को एनक्लोजर में पैंथर घुसने की भनक तक नहीं लगी और न ही पैंथर के हमले के दौरान वन्य जीवों के चिल्लाने की आवाज आई। घोर लापरवाही की वजह से सोमवार रात दो काले हिरण पैंथर का निवाला बन गए। आखिर पैंथर एनक्लोजर में कैसे घुसा? इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। एनक्लोजर के चारों ओर फैंसिंग भी 10 फीट ऊंची है और उसके ऊपर करंट प्रवाहित हो रहा है। अधिकारी ‘सफेद झूठ’ बोल रहे हैं कि किसी सपोर्ट से कूदकर पैंथर ने एनक्लोजर में प्रवेश किया है। सूत्रों का कहना है कि रात्रि गश्त करने वाले कार्मिकों की लापरवाही से एनक्लोजर का एक गेट खुला रह गया और उसी गेट से पैंथर ने एनक्लोजर में घुसकर दोनों काले हिरणों का शिकार किया। गनीमत रही कि पैंथर, सांभर और चीतल के एनक्लोजर में नहीं घुसा अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। पता चला है कि काले हिरणों के एनक्लोजर में पांच गेट बने हुए हैं। इनमें से एक गेट खुला था। अब अधिकारी कार्मिकों को बचाने के लिए तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं, जो किसी के गले नहीं उतर रहे। पिछले माह दामिनी की मौत के बाद भी पार्क के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। सिर्फ जांच के नाम पर लीपापोती की गई। उस समय भी पार्क में किसी की जिम्मेदारी तय कर दी जाती तो यह और हादसा नहीं होता।
चारदीवारी में लगाए पिंजरे
पगमार्क व सीसीटीवी कैमरे से बाहर से पैंथर के घुसने की पुष्टि होने के बाद पार्क की चारदीवारी में दो पिंजरे लगा दिए गए, लेकिन पैंथर पकड़ में नहीं आया। इसके साथ ही पार्क में रात्रि गश्त बढ़ा दी गई है, इसमें 4-5 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
रेंजर नहीं उठाते फोन
सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क में तैनात रेंजर गणेशलाल गोठवाल तो मोबाइल भी रिसीव नहीं करते हैं। पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा इसी अधिकारी के पास है। पिछले महीने बाघिन दामिनी की मौत की जांच भी इसी अधिकारी ने की थी। इसके बावजूद फिर लापरवाही उजागर हुई है।
अब योजना बनाते हैं
पैंथर तो हर साल आते रहते रहे हैं। अब कोई योजना बनाते हैं ताकि बाहर से कोई वन्य जीव अंदर प्रवेश नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि आखिर पैंथर एनक्लोजर में कैसे घुसा इसकी जांच की जा रही है।
-अजीत उंचोई, उपवन संरक्षक

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