वन्यजीव गणना वैशाखी पूर्णिमा पर शनिवार सुबह शुरू हुई। इस समय गर्मी अधिक होने से यह माना जाता है कि वन्यजीव प्यास बुझाने के लिए water hole पर पानी पीने पहुंचते है, जिससे गणना में आसानी होती है। शुक्रवार शाम व शनिवार दोपहर को कई जगह बारिश होने के कारण वातावरण में ठंडक होने से कई वॉटर water hole पर बड़ी प्रजाति के वन्यजीव नही दिखे। चार अभयारण्यों और एक नेचर पार्क में शनिवार सुबह 8 बजे शुरू हुई गणना रविवार सुबह 8 बजे तक होगी। सहायक वन्य संरक्षक शैतानसिंह ने बताया कि सज्जनगढ़ अभयारण्य में गौरेला चौकी व झर महादेव स्थित water hole पर कैमरे ट्रेप पद्धति से गणना की गई। घने जंगल में कई जगह पर मचान बनाए गए जिन पर वन विभाग के कर्मचारीयों के साथ वन्य प्रेमी भी गणना में शामिल हुए। गौरेला चौकी स्थित water hole पर सुबह से वन्यजीव पानी पीने आए जिसमें मोर, मैना, सांभर, चीतल, हिरण, नेवला आदि छोटे- बड़े जानवर
दिखाई दिए।
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READ MORE : 572 अभ्यर्थी बीपीएड के पात्र नहीं, पात्र का शारीरिक दक्षता परीक्षण इस तारीख से कोटड़ा. यहां कोटड़ा एवं मामेर वन क्षेत्र में गणना शुरू हुई। क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि गणना में क्षेत्र में कुल 14 पॉइंट बनाए गए जिसमें मचान पर बैठ कर गणना करेंगे।
फलासिया. पानरवा के क्षेत्रीय वन अधिकारी लाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि फुलवारी की नाल में वन विभाग का गणना स्टाफ व वन्यजीव प्रेमियों ने पेड़ों पर बनाए मचान पर बैठकर गणना का कार्य किया।
दिल्ली से 8 सांभर और पहुंचे जयसमंद अभयारण्य
जयसमंद . दिल्ली से शनिवार को लाए गए आठ नर व मादा सांभर को जयसमंद अभयारण्य के ढिमडा बाग मे छोड़ा गया। रेंजर गौतम लाल मीणा ने बताया कि छह दिन पूर्व भी दस सांभर को छोड़ा गया था। इसके साथ ही अभयारण्य मे सांभर व चीतल का कुनबा बढ़ेगा। उनका कहना है कि पैंथर को जंगल में ही शिकार उपलब्ध होगा जिससे वह गांवों की ओर रुख नहीं करेगा।