READ MORE : गृहमंत्री बोले- प्रसाद बोला था, भगवान ने पीएम की सभा में नहीं होने दी अड़चन गत शनिवार को विमंदित शीला अपने दो बच्चों के साथ चाइल्ड लाइन टीम को फलासिया में मिली थी। बाल कल्याण समिति के आदेश पर उन्हें सेवा मंदिर के अल्पावास में आश्रय दिया गया था। नोडल चाइल्ड लाइन उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के निदेशक डॉ.अवनीश नागर एवं जिला समन्वयक नवनीत औदिच्य के साथ टीम ने महिला व बच्चों के बताए अधूरे पते के आधार पर गोरखपुर में सम्पर्क किया। वहां उपाधीक्षक से वार्ता के दौरान उन्हें बेलगार थाना प्रभारी के नम्बर मिले। वहां पता चला कि महिला व बच्चों की वहां गुमशुदगी दर्ज थी। चाइल्ड लाइन ने पति सोमनाथ से सम्पर्क कर महिला व बच्चों से वार्ता करवाई। सोमनाथ बात करते ही रो पड़ा और परिजनों को लेकर वह बुधवार को उदयपुर पहुंच गया।
भावुक हो गए परिजन पति सोमनाथ अपनी पत्नी व बच्चों को सकुशल देख भावुक हो गया, बच्चे भी उसे देख रो पड़े। पत्नी शीला अब तक किसी से बात करने एवं अपना घूूघंट उठाने को तक तैयार नहीं थी उसने सबका अभिवादन किया। सोमनाथ ने बताया कि शीला का पिछले 6 माह से मानसिक रूप से बीमार चल रही है। वह बच्चों के साथ पीपर संडी खजनी बेलघाट जिला गोरखपुर में रहती है। वह पिछले २२ साल से लुधियाना में ही सिलाई करता है। शीला बच्चों के साथ लुधियाना के लिए निकली थी लेकिन गुम हो गई। बाल कल्याण समिति के सदस्य सुशील कुमार दशोरा एवं बी.के. गुप्ता के आदेश पर चाइल्ड लाइन टीम ने मां व बच्चों को परिजनों के सौंपा